Sandeep Gour Rajput Tag: कविता 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sandeep Gour Rajput 11 Feb 2021 · 2 min read बीते दिन बीते दिन ________✍️ हम कभी खुश थे आबाद थे बीत गए जो दिन उनकी जान थे अपनी हर मनमानियों से आजाद थे कभी मिट्टी से घरौंदा रच देते थे कभी... Hindi · कविता 3 4 310 Share Sandeep Gour Rajput 1 Feb 2021 · 1 min read विरह में लिखा मोहबब्त का ख़त आज उठा कर कलम कुछ लिखता हूँ सजनी से दूर परदेशी पिया के विरह का ख़त लिखता हूँ, सुनो सजनी तुम्हारे बिन अधूरा सा लगता सब यहाँ नहीं लगता है... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 46 638 Share Sandeep Gour Rajput 15 Jan 2021 · 1 min read बिटियाँ रानी___ बेटी मेरी प्यारी - प्यारी पापा की आँँखो की दुलारी ममी की हैं चाँद- तारी, बेटी मेरी, मेरा अभिमान हैं बसती उसमें मेरी जान हैं बेटी भी आज स्वाभिमान हैं,... Hindi · कविता 2 4 317 Share Sandeep Gour Rajput 13 Jan 2021 · 1 min read सोने के पिंजरे में कैद परिंदा सोने के पिंजरे में कैद परिंदा______✍️ सोने के पिंजरे में कैद परिंदा पल - पल रहे उसको भय का फंदा मानव तेरा ये कैसा गोरख धंधा कितना तू निर्दयी है... Hindi · कविता 299 Share Sandeep Gour Rajput 11 Jan 2021 · 1 min read कोरोना काल कौन ! कहा से आया रे ,तू कोरोना कर दिया तूने सब पर जादू - टोना अलग कर दी तूने बाबू से उसकी सोना सिमट कर रह गई जिंदगी तूने... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 24 346 Share Sandeep Gour Rajput 11 Jan 2021 · 1 min read धरतीपुत्र धरतीपुत्र_________✍️ हालात जो भी हो हम इन्कलाब लाएंगे , आंधी ,तूफान क्या रोकेंगे हम हर मुसीबत से टकराएंगे।। हम ना टूटे है ना कभी टूटेगें चिर सिना धरती का हम... Hindi · कविता 1 4 413 Share