Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' Tag: कविता 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 17 Sep 2017 · 1 min read वो जबान है हिंदी (हिंदी पखवाड़े में हिंदी पर रचनायें) छंद सार (मापनी मुक्तमक) मात्रा भार- 16,12 = 28 पदांत- है हिंदी समांत- आन जन जन की है भाग्य विधाता, आन बान है हिंदी.... Hindi · कविता 382 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 27 Jan 2017 · 3 min read बेटी मैं संतुष्ट हूँ माँ के चलने-उठन-बैठने खाने-पीने, नहाने-धोने यहाँ तक कि सोते समय भी उसे ध्यान रहता है मेरे होने का. मुझे पूरा विश्वास है बाहर की दुनिया में भी... Hindi · कविता 363 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 21 Sep 2016 · 2 min read विश्व शांति दिवस, अहिंसा दिवस है आज विश्व शांति दिवस, अहिंसा दिवस है आज। दिल्ली में फिर कैंची से गोद कर एक मासूम युवती की हत्या राजस्थान में लालबत्ती वाली गाड़ी वाले से फिर हिट एंड रन... Hindi · कविता 1k Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 19 Sep 2016 · 1 min read बगल के नासूर हैं कुसूरवार है येे मुँह पर कब तलक ताले रहेंगे नासूर हैं बगल के इन्हें कब तलक पाले रहेंगे। जब भी किया है पीठ पे वार किया है कंधार, मुंबई, संसद... Hindi · कविता 303 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 13 Sep 2016 · 1 min read वामन अवतार आज वामन जयंती है। वामन अवतार पर रोला छंद (11-13) में कथा- ****************************************************** कश्यप-अदिति सुपुत्र, प्रथम त्रेता अवतारी। वामन रूप स्वरूप, धरा कछु सोच विचारी।। बलि दयालु प्रह्लाद पौत्र सुत... Hindi · कविता 807 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 9 Sep 2016 · 6 min read पुरुषार्थ और परमार्थ के लिए कंचन बनो (प्रेरक प्रसंग/बोधकथा) तेजोमय बढ़ी हुई सफेद दाढ़ी से दिव्य लग रहे साधु को देख कर नदी किनारे बैठा वह युवक उठा और साधु को प्रणाम कर जाने लगा। साधु ने पीछे से... Hindi · कविता 719 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 8 Sep 2016 · 6 min read एक अनोखा दान (नाटक) पात्र- 1- श्रीकृष्ण- पाण्डवों के पक्ष में पार्थ अर्जुन के सारथी। 2- अर्जुन- पाण्डवों का महानायक और श्रेष्ठ धनुर्धर। 3- कर्ण- कौरव पक्ष का महानायक और महासमर के सत्रहवें दिन... Hindi · कविता 580 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 8 Sep 2016 · 1 min read क्षुद्रिकाएँँ दुश्मनी ***** दु:स्वप्न सा भर के गरल आकंंठ दोनों आखों में ले तडि़त सौदामनी। संकल्प ***** संस्कार कल्प बदल दे कलेवर तन का कर ले प्रण उठा के कुलिश विकल्प।... Hindi · कविता 2 312 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 8 Sep 2016 · 1 min read भारत मेरा महान् उन्नत भाल हिमालय सुरसरि, गंगा जिसकी आन । उन्मुक्त तिरंगा शांति दूत बन, देता है संज्ञान। चक्र सुदर्शन सा लहराए, करता है गुणगान। चहूँ दिशा पहुँचेगी मेरे, भारत की पहचान।।... Hindi · कविता 478 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read लक्ष्य का संधान कर मान कर, सम्मान कर, संकल्प ले, अनुमान कर। कर प्रण अटल, दृढ़ निश्चय कर और लक्ष्य का संधान कर। मत भूत का संज्ञान कर, बस धन्य वर्तमान कर। बढ़ प्रगति... Hindi · कविता 925 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read यह जीवन महावटवृक्ष है यह जीवन महावटवृक्ष है सोलह शृंगारों से संतृप्त सोलह शृंगारों से अभिभूत है देवता भी जिसके लिए लालायित धरा पर यह वह कल्पवृक्ष है। यह जीवन महावटवृक्ष है।। सुख-दु:ख के... Hindi · कविता 1 330 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read पंचतत्व में रे मानव , अब भी सम्हल मौत गूँगी सही बहरी सही अंधी सही पर ! तेरे पास पहुँचने से पहले कितने संदेश तुझे भिजवाये, पर ! तू समझे तब.... बाल... Hindi · कविता 406 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 3 min read झौंपड़ पट्टी महामारी की तरह फैले झोंपडि़यों के मेले हर शहर में इधर-उधर जहाँँ-तहाँँ मैले कुचैले दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती रेलम पेलें पैबन्द सरीखे यहाँँ बढ़ रहे हैं इनके झमेले एक... Hindi · कविता 244 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read मित्र 1. मित्र के सोलह शृंगार **************** धीर, क्षमावान्, संस्कारी सुशील, निष्णात, प्रशान्त। प्रेमी, हँसमुख, सन्तोषी, मृदुभाषी, वीर, सम्भ्रान्त। आतिथेय, ज्ञानी, उदार हो और करे मनुहार। सखा कहावे वही करे जो... Hindi · कविता 258 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read माँ माँँ आँँखों से ओझल होती। आँँखे ढूँढ़ा करती रोती। वो आँँखों में स्वप्न सँजोती। हर दम नींद में जगती सोती। वो मेरी आँँखों की ज्योती। मैं उसकी आँँखों का मोती।... Hindi · कविता 1 346 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read कितने रावण मारे कितने रावण मारे अब तक कितने कल संहारे मन के भीतर के रावण को क्या अब तक मार सका रे तेरी अंतर्रात्मा षड्-रिपु में उलझी पड़ी हुई है इसीलिए यह... Hindi · कविता 333 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 5 Sep 2016 · 1 min read हिन्दी सबको प्यारी होगी हिन्दी सबको प्यारी होगी। इसकी छवि उजियारी होगी। ना कोई लाचारी होगी। अब न यह बेचारी होगी। ना कोई रँगदारी होगी। मर्दुमरायशुमारी होगी। खड़ी फौज सरकारी होगी। भाषा अब दरबारी... Hindi · कविता 390 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 5 Sep 2016 · 1 min read मन की अभिलाषा हिन्दी बने विश्व की भाषा। स्वाभिमान की है परिभाषा। गंगा जमनी जहाँँ सभ्यता, पल कर बड़ी हुई है भाषा। संस्कृति जहाँँ वसुधैवकुटुम्बकम्, हिन्दी संस्कृत कुल की भाषा। बाहर के देशों... Hindi · कविता 1 2 1k Share