रेवाशंकर कटारे "स्नेही" Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid रेवाशंकर कटारे "स्नेही" 12 Jul 2018 · 1 min read जिन्दगी यूँ तो गमगीन होती है हर जिन्दगी । फिर भी नमकीन होती है हर जिन्दगी ।। मिलती है खुशियाँ कभी ,मुश्किल मंजिलें । अंततः गतिहीन होती है हर जिन्दगी ।। Hindi · मुक्तक 237 Share