Ravi Singh Bharati Tag: ग़ज़ल/गीतिका 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ravi Singh Bharati 23 Mar 2022 · 1 min read बेपरवाह, उस बेनकाब चेहरा का क्या होगा/ बेपरवाह, उस बेनकाब चेहरा का क्या होगा जिस्म की चाह में किए वफा का क्या होगा मजहब पर सियासत होता है इस जमाने में कानून से मिले हुए उस सजा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 207 Share Ravi Singh Bharati 23 Jan 2022 · 1 min read मेरे जीने के लिए अब न कोई दुआ किजिए। मेरे जीने के लिए अब न कोई दुआ किजिए। उसे जल्द अलविदा कहूं ऐसी दवा कीजिए।। बहुत जी लिया हूं यारो गम के साए में हमने। मुझे जश्न मनाकर इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 199 Share Ravi Singh Bharati 23 Sep 2021 · 1 min read मेरे मरने की खबर तुम्हें भी पहुंचा दिया जाएगा मेरे मरने की खबर तुम्हें भी पहुंचा दिया जाएगा। तुम गर चाहो तो मैयत में भी बुला लिया जाएगा।। मुझे इसकी परवाह नहीं कि तुम भी गैर निकले। आदेश दो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 220 Share Ravi Singh Bharati 16 Sep 2021 · 1 min read उनको रात दिन इश्क का सुरूर है उनको रात दिन इश्क का सुरूर है आप ही बताइए मेरा क्या कसूर है मुझसे मिलने वो अकेले ही चल दिए उनको बताओ मंजिल अभी दूर है मेरी नजर किसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 329 Share Ravi Singh Bharati 14 Sep 2021 · 1 min read वो मुझे दफनाकर अब फुर्सत से जी रही हैं। वो मुझे दफनाकर अब फुर्सत से जी रही हैं। गैर की बाहों में अपने मतलब से जी रही हैं।। मेरा कत्ल करके तमाम सबूत मिटाने वाली। बहुत ही दिनों के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 464 Share Ravi Singh Bharati 14 Sep 2021 · 1 min read गजल/कल मेरे घर को जला गया कोई कल मेरे घर को जला गया कोई। मुझे मेरी औकात बता गया कोई।। किसे पता मेरी उदासी का सबब। बनाए हुए रोटी भी खा गया कोई।। जख्मों पे मरहम लगाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 325 Share Ravi Singh Bharati 14 Sep 2021 · 1 min read मुहब्बत का गम तुम्हें भी छुपाना होगा मुहब्बत का गम तुम्हें भी छुपाना होगा शायद तुम्हे जीते जी ही मर जाना होगा इस मतलबी दुनिया में नहीं कोई अपना यह जानते भी तुम्हें रिश्ता निभाना होगा ताउम्र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 246 Share