विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 7 Sep 2020 · 1 min read बूढ़े पिता का दर्द *हिंदी विकास मंच* *धनबाद,झारखंड,भारत* मुझे पता है मेरे बेटे तू मेरा नहीं अपने बीबी बच्चों का दीवाना था, फिर भी तुम्हें एक बार तो अपने माँ-पिता से मिलने आना था।... Hindi · कविता 1 2 299 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 7 Sep 2020 · 1 min read दहेज उत्पीड़न *शादी - विवाह दो आत्माओं का मेल नहीं* *गुड्डे - गुड़ियों का खेल है।* *रूप और गुण का मेल नहीं* *ये सब दहेज का झमेल है।* *ये सब रीति -... Hindi · कविता 2 1 300 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 7 Sep 2020 · 2 min read मन की बात *हिंदी विकास मंच* *धनबाद,झारखंड, भारत* कविता - *मन की बात*- *साहब जी* *आप करेंगें गरीबों से मन की बात* *अमीरों से धन की बात* *अगर जनता को मूर्ख बनाना है*... Hindi · कविता 1 1 417 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 27 Aug 2020 · 2 min read कविता *क्या तूमको वो छोड़ेंगे।* कविता *क्या तूमको वो छोड़ेंगे।* जिस दुनियावाले ने ईशा मशी को नहीं छोड़ा। क्या तूमको वो छोड़ेंगे। तुम कितना भी अच्छा कर लो तूमको तुमारे लोग ही तोड़ेंगें। क्या कसूर... Hindi · कविता 3 286 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 21 Aug 2020 · 2 min read हिंदी दिवस -14 सितंबर *हिंदी दिवस-14 सितंबर* *हिंदी दिवस हम केवल 14 सितंबर को क्यों मानते हैं?* अगर हिन्दू हैं हम तो हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित क्यों नहीं कर पाते हैं? *क्या हिन्दू हम... Hindi · कविता 2 267 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 20 Aug 2020 · 2 min read कविता - *मन की बात*- *साहब जी* *हिंदी विकास मंच* *धनबाद,झारखंड, भारत* कविता - *मन की बात*- *साहब जी* *आप करेंगें गरीबों से मन की बात* *अमीरों से धन की बात* *अगर जनता को मूर्ख बनाना है*... Hindi · कविता 2 374 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 20 Aug 2020 · 8 min read अध्याय 3- *मोबाइल माँगती लड़की*(सच्ची घटना पर आधारित) अध्याय 3- *मोबाइल माँगती लड़की*(सच्ची घटना पर आधारित) ये कहानी झारखंड के धनबाद जिले के एक छोटे से शहर तोपचांची वाटर बोर्ड के आस - पास के गाँव की है।... Hindi · कहानी 1 402 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 20 Aug 2020 · 10 min read हिंदी भाषा की वर्तमान स्थिति *मेरा नाम राज वीर शर्मा है।मैं बोकारो का मूलवासी हूँ।वर्तमान में स्नातकोत्तर हिंदी का छात्र हूँ। मेरी ये रचना मौलिक और अप्रकाशित है। ये रचना किसी भी कवि का नकल... Hindi · कहानी 1 718 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 20 Aug 2020 · 2 min read कविता 1(मैं- अहम ब्रह्मास्मि) *हिंदी विकास मंच* *धनबाद,झारखंड, भारत* कविता का शीर्षक - *मैं* *मै ही आदि,मै ही अंत हूँ।* *मैं ही मौलवी,मै ही संत हूँ।।* *मैं ही रहमत, मैं ही बरकत हूँ।* *मैं... Hindi · कविता 1 594 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 15 Aug 2020 · 3 min read स्वतंत्रता दिवस-देश को गुलाम नहीं होने देंगें *हिंदी विकास मंच* *बोकारो,झारखंड, भारत* *देशभक्ति कविता* :- *अब फिर से भारत को गुलाम नहीं होने देंगे* ?????????????? *भारत माता को फिर से लहूलुहान नहीं होने देंगें* *फिर से मिट्टी... Hindi · कविता 3 430 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 15 Aug 2020 · 4 min read स्वतंत्रता दिवस-देश को गुलाम नहीं होने देंगें *हिंदी विकास मंच* *बोकारो,झारखंड, भारत* *देशभक्ति कविता* :- *अब फिर से भारत को गुलाम नहीं होने देंगे* ?????????????? *भारत माता को फिर से लहूलुहान नहीं होने देंगें* *फिर से मिट्टी... Hindi · कविता 3 333 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 14 Aug 2020 · 1 min read हिंदी *डॉ० कामिल बुल्के ने कहा था :- संस्कृत माँ है,हिंदी बहुरानी और अंग्रेजी नोकरानी* *जय साहित्य* Hindi · मुक्तक 3 206 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 12 Aug 2020 · 1 min read नुमाइश न जाने लोग क्यों अपने मोहब्बत की नुमाइश करते हैं। अपने ही मोहब्बत को गैरों से खत्म करवाने की साजिश करते हैं।। *ईमान से* Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 301 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 11 Aug 2020 · 5 min read देश को तोड़ने का काम कर रही है - दरबारी पत्रकारिता युगप्रवर्तक पत्रिका में प्रकाशित करने के लिए लिखें हैं। मैं आपके स्वस्थ आलोचना का आभारी हूँ। *देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं - दरबारी पत्रकार* महाभारत काल से... Hindi · कहानी 3 2 283 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 10 Aug 2020 · 1 min read तमस वतन का फिक्र कर नादान मुसीबत आने वाली है। *तेरी बरबादियों के तजकरे है आसमानों में।।* न संभालोगे तो मिट जाओगे *तुमारी दास्ताँ तक नहीं रहेगी दास्तानों में।।* ----तमस-----भीष्म साहनी Hindi · मुक्तक 3 1 241 Share विद्रोही कवि-प्रगतिशील लेखक संघ 10 Aug 2020 · 2 min read कैसे कैसे लोग यहाँ रहते हैं। क्या कहें कैसे कैसे यहाँ लोग रहते हैं। जैसे बहते हुए पानी में मुर्दे बहते हैं। गलत को गलत न सही को सही कहने का हिम्म्मत करते हैं। क्या कहें... Hindi · कविता 4 2 237 Share