Ram Niwas Banyala Language: Hindi 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ram Niwas Banyala 9 Aug 2016 · 1 min read जो चल रहा है जो चल रहा है जो चल रहा है सो चल रहा है तम की आग में गण जल रहा है | जो छल रहा है वो पल रहा है सत... Hindi · कविता 524 Share Ram Niwas Banyala 9 Aug 2016 · 1 min read वो काम करता है वो काम करता है वो काम करता है नाम करता है | उसका हर काम हाकिम का करम निजाम की नजर | वो यों ही नहीं ईनाम लाता ? इकराम... Hindi · कविता 446 Share Ram Niwas Banyala 22 Jul 2016 · 1 min read हाइकू 1 घास रोदन अंकुरण दुबारा है जिजीविषा । 2 ताकते मोर आच्छादित गगन कब वर्षा हो। 3 बनाता घर मिट्टी द्वारा अबोध एक सृजन। 4 उन्हें ताकता ठेला खींचता बच्चा... Hindi · हाइकु 315 Share Ram Niwas Banyala 22 Jul 2016 · 1 min read पिता पिता अंजू मेडम की अश्रुधारा गोदी में बैठे तीसरी कक्षा के छात्र विवेक के हृदय में उतर रही थी | साथ से निकलते हुए गोविंद सर ने देखा तो टोका... Hindi · लघु कथा 519 Share Ram Niwas Banyala 22 Jul 2016 · 1 min read अपने.अपने आईने अपने.अपने आईने शहीदी सींच से आज़ाद धरा पर जो पली थी जनतंत्र फ़सल उसमें स्वार्थी किरचें ख़रपतवार सी उगीं और जनने लगी आईने अब अपने - अपने चेहरे अपने -... Hindi · कविता 390 Share