Ram Niwas Banyala Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ram Niwas Banyala 9 Aug 2016 · 1 min read जो चल रहा है जो चल रहा है जो चल रहा है सो चल रहा है तम की आग में गण जल रहा है | जो छल रहा है वो पल रहा है सत... Hindi · कविता 524 Share Ram Niwas Banyala 9 Aug 2016 · 1 min read वो काम करता है वो काम करता है वो काम करता है नाम करता है | उसका हर काम हाकिम का करम निजाम की नजर | वो यों ही नहीं ईनाम लाता ? इकराम... Hindi · कविता 446 Share Ram Niwas Banyala 22 Jul 2016 · 1 min read अपने.अपने आईने अपने.अपने आईने शहीदी सींच से आज़ाद धरा पर जो पली थी जनतंत्र फ़सल उसमें स्वार्थी किरचें ख़रपतवार सी उगीं और जनने लगी आईने अब अपने - अपने चेहरे अपने -... Hindi · कविता 390 Share