Ritesh Shrivastava Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ritesh Shrivastava 25 Apr 2021 · 1 min read गिद्ध... वाह रे नेता तेरी जात बड़ी सयानी, जैसी ज़रूरत वैसी हो जाती तेरी बानी | धरम, करम या रंग, ढंग,सब बदले जाते ज्योंही नज़र तुझे नये election आते | तुम... Hindi · कविता 4 625 Share Ritesh Shrivastava 24 Apr 2021 · 1 min read क़यामत का दौर... क्या क़यामत का दौर आया है ! मरघट पर मुर्दों को लाईन में पड़ा पाया है | अपनों की राख ही मिल जाए अपनों को, तो लगे है इंसान तरीक़े... Hindi · कविता 1 2 263 Share