Rituraj Srivastava Tag: कविता 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rituraj Srivastava 14 Feb 2017 · 1 min read तुम आ गये खुले मन से मैंने जो तुमसे कहा, शुक्रिया है तुम्हारा जो तुमने सुना हवा भी बसंती जवां हो गयी, मेरी जिंदगी की सुबह हो गयी, जीवन के पतझड़ का अन्त... Hindi · कविता 255 Share Rituraj Srivastava 26 Jan 2017 · 1 min read हमारा भारत तुंग शिखर पर दिव्य-आलोकित, भारत -भाल चमकता है जलधि जिसके चरण पखारे, विश्व-गुरू प्रणेता है जहां आंखों में ममता बसती है बांहो में कुटुंब समाता है संगीत जहां है रोम-रोम... Hindi · कविता 363 Share Rituraj Srivastava 20 Jan 2017 · 1 min read वटवृक्ष.......! आज याद आती है- पिताजी की वो बातें थकान और तनावग्रस्त आकर लंबी सांसे ले बिस्तर पर ऐसे बैठना जैसे- किसी परिंदे को मिला हो अपना बिछड़ा परिवार सुकून भरी... Hindi · कविता 487 Share Rituraj Srivastava 10 Jan 2017 · 1 min read बेटी आज मैंने देखा है- एक कली मुरझाई सी कैद स्वर्ण पिंजरे में थोड़ी क्षुब्ध थोड़ी शरमाई सी। आज मैंने देखा है- अंजन भरे लोचन से स्वप्नाश्रु झरते हैं अधरों पर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 584 Share Rituraj Srivastava 6 Jan 2017 · 1 min read काश........ ! मन का तिमिर दूर हो हृदय में उजियारा रहे । मैं तेरा प्यारा रहूॅ तू मुझे प्यारा रहे । चलो हर पथ को रौशन करें यूं क्या हिन्दु क्या मुसलमां... Hindi · कविता 355 Share