Author Rishi(ऋषि के.सी.) K.C. 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Author Rishi(ऋषि के.सी.) K.C. 28 Jul 2017 · 1 min read चल-चले मिले कहीं चल-चले मिले कहीं न तेरा आश्रय न मेरा, प्रीति-गीत गाए कहीं चल-चले मिले कहीं। सच-झूठ की फिकर नही जिस राहा पर मिला, मैं अजनबी नही, चल-चले मिले कहीं।। तेरे सपने... Hindi · कविता 1 828 Share Author Rishi(ऋषि के.सी.) K.C. 23 Jul 2017 · 1 min read अलविदा अधूरा हूँ मैं,अधूरी है जवानी, जिन्दा हूँ मैं,कम है जिंदगानी अभी क़त्ल हुआ,बनी एक नई कहानी सुबह की किरण,रातों का तारा, नयन में आंसू लिए मुस्कुरा रहा है दोस्त हमारा... Hindi · कविता 1 1 430 Share Author Rishi(ऋषि के.सी.) K.C. 23 Jul 2017 · 1 min read खव्वाइश कर्जदार हूँ तेरी दुकान का चलना हैं कुछ कमाने मकान का न शरीर में वस्त्र का सहयोग ना खाने को निवाला कैसी दशा हैं अब तू बता उपरवाला। तेरी नौकरी... Hindi · कविता 1 326 Share Author Rishi(ऋषि के.सी.) K.C. 23 Jul 2017 · 1 min read यादों की मुलाक़ात गुन-गुना रहा हूँ,तेरे लिए, जाने खुदा!कहो तुम! दिल भी कितना रोता है,क्यों ? अब तेरी बेखुदी जो यूँ, तनया जियेंगे मरना है जो, किस्मत में कहा मिली है तू, किससे... Hindi · कविता 1 1 519 Share Author Rishi(ऋषि के.सी.) K.C. 23 Jul 2017 · 1 min read फरियाद चम चमाती चांदनी रात, चारों ओर से आयी है, खिल-खिलाकार हंसी तुम्हारी, ना जाने किससे बनकर आयी है। थककर सायं सो जाता है, कौन उसके हृदय की व्यथा को जानता... Hindi · कविता 872 Share Author Rishi(ऋषि के.सी.) K.C. 23 Jul 2017 · 1 min read राजाराम मोहन राय नानी आज कोई कहानी सुनाओ, जिसमे में राजा आए, और नाहि रानी की बीती बताओं, नानी जरा मुस्कुराकर कह दो, गाथा वीर भरी | एक नारी समाज के रूढ़ि से... Hindi · कविता 322 Share Author Rishi(ऋषि के.सी.) K.C. 23 Jul 2017 · 1 min read एहसाास वर्षा का पेड़ -पौधें लहराते हवाओं में, बिजली चमकती बादालो में, मैं भी घिर गया तूफ़ानो मे, कट रहे थे पल मुश्किलों में। कोई पूछे हाल हमारा यही आश लगा हम बैठे... Hindi · कविता 348 Share Author Rishi(ऋषि के.सी.) K.C. 23 Jul 2017 · 1 min read वक़्त ठहरजाता है वक़्त, थम जाता है वक़्त, वक़्त की मिज़ाज़ क्या? हार जाते है सब। ज़रा देखो, जरा सोचो! निर्जिव जो,भागे तेज़ जरा सोचो, जरा देखो! खुली किताब, पढी पेज।... Hindi · कविता 532 Share Author Rishi(ऋषि के.सी.) K.C. 23 Jul 2017 · 1 min read "कविता नहीं आवाज हूँ,मैं एक नई कहानी,सुनाता हूँ,मैं”-ऋषि के.सी. एक नई कहानी ,सुनाता हूँ मैं, एक नई कहानी,सुनाता हूँ मैं, रहता वो डूबते सागर में , एक नई………………..मैं । चिड़िया-सी कहानी है उसकी , उड़ता वो-फिरता जीवन की ,तालाश... Hindi · कविता 378 Share