ऋचा त्रिपाठी 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid ऋचा त्रिपाठी 30 Apr 2022 · 1 min read .....उनके लिए मैं कितना लिखूं? बोलो,अब क्या लिखूं, उनके लिए मैं कितना लिखूं? क्या एक दिन आपके नाम लिखूं, बाकी दिन गुमनाम लिखूं। पिता जी! रहेंगे अपरिभाषित आप, चाहे मैं जितना लिखूं।। हो जाए पूरी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 19 17 501 Share