रेवन्त राम सुथार Tag: दोहा 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid रेवन्त राम सुथार 30 Sep 2024 · 1 min read सुखराम दास जी के दोहे वन्दन हरि गुरू ब्रह्म को, कर सुखा बार अनन्त । दद् अक्षर होवे पुस्तक में, आप सुधारो सन्त॥1 सन्त बड़े परमार्थी, बिगड़ी देत सुधार। सुखा चरणा रज होय, वन्दन बारम्बार॥2... Hindi · दोहा · नीति के दोहे · सुखराम दास जी के दोहे 63 Share