Ranjit Jha Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ranjit Jha 20 May 2022 · 1 min read नाम एक चोटी हजुरआमाको नाम सोध्दा उहाँ भन्नुभएथ्यो. "जन्मिदा 'फलनाक पोती' थिए. ठुली भएपछी 'फलनाक बेटी' भए. बिहे भयो अनि 'फलनाक कनिया' त्यसपछि 'फलनाक माय' आजकल सबैले 'तिम्रो दादी' वा 'फलना... Nepali · कविता 522 Share Ranjit Jha 20 May 2022 · 1 min read खस्सीक दाम दस लाख 'कविता' "खस्सीक दाम दश लाख" * * * दश लाख पकरिते बुढ़िया असोरा पर बैस गेलिह, थकाएल पेराएल। हुँनक खस्सीक दाम छै दश लाख॥ पान छौ महिना पहिने रमचँनरा कहलकै... Maithili · कविता 1 432 Share