Ranjeet Ghosi Tag: कविता 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ranjeet Ghosi 23 Dec 2017 · 1 min read क्या खूब होता है... अंधेरी निशा में चांदनी का साथ क्या खूब होता है ! डूबते दरिया में तिनके का सहारा क्या खूब होता है! जुदाई में हम तड़पते हैं जरूर सनम! तड़पने में... Hindi · कविता 1 544 Share Ranjeet Ghosi 13 Nov 2017 · 2 min read कल्पतरु वाणी... कल्पतरु की जीवन गाथा कल्पतरु रत्नों का भ्राता! कल्पतरु निकला मंथन से कल्पतरु जुड़ा जीवन से!! कल्पतरु है एक वरदान देता जो हमें जीवन दान! कल्पतरु की पूजन करलो कल्पतरु... Hindi · कविता 370 Share Ranjeet Ghosi 11 Nov 2017 · 1 min read इतना खुश कभी ना देखा... तुझ पर ही मरता हूं तुझसे ही जी उठता हूं अब ये बोझ सहा नहीं जाता काश तु अब मुझे मिल जाता दिल खोल अपनी बात सुनाता दिल के सारे... Hindi · कविता 1 329 Share Ranjeet Ghosi 11 Nov 2017 · 1 min read दिल क्यूं तुझ पर मरता है.. भरे हैं आंख में आंसू फिर भी मुस्कुरा लेते हैं इनमे कुछ राज है जो अक्सर छुपा लेते हैं जुंबा खामोश रहती है बातें रोज भी तुझसे करता हूं प्यार... Hindi · कविता 303 Share Ranjeet Ghosi 22 Oct 2017 · 1 min read लिखूं क्या मैं कलम से...2 लिखूँ क्या मैं,कलम से लिखूं,या तेरे दम से लिखूँ! आसमान और धरा का, दूर दिखता मिलन लिखूँ! या दूर मन के, मिलन के वो भाव लिखूँ!! कविता, ग़ज़ल या गीत... Hindi · कविता 292 Share Ranjeet Ghosi 22 Oct 2017 · 1 min read लिखूं क्या मैं कलम से...1 लिखूँ क्या मैं, कलम से लिखूँ या तेरे दम से लिखूँ!! सूरज का रोशन जहां लिखूं! या चांद से सुंदर तेरा रूप लिखूँ!! तारों से सजा आसमान लिखूं! या तेरी... Hindi · कविता 299 Share Ranjeet Ghosi 19 Oct 2017 · 1 min read निकल न जाए दम... दुनिया के भरे बाजार में, कहीं पीछे छूट न जाएें हम ! चलने का कोई हुनर नहीं है, कहीं लुट ना जाए हम!! बेगेरत सी लगती दुनिया,कहीं अकेले ना पड़... Hindi · कविता 444 Share Ranjeet Ghosi 19 Oct 2017 · 1 min read अपनी किस्मत.... आज मैं अपनी किस्मत को, फिर आजमाने चल पड़ा हूं !! देखना है क्या मिलता है, नसीब को मेरे ! आज पुरानी राहों पर, फिर मैं अकेला सा खड़ा हूं... Hindi · कविता 296 Share Ranjeet Ghosi 19 Oct 2017 · 1 min read दिल जब रोता है... दिल जब रोता है, तो खुद ही गुनगुना लिया करते हैं ! आंखों से निकलते हैं,जब अश्क के मोती, तो उन्हे खुद ही पुरो लिया करते हैं ! सोचा करूं... Hindi · कविता 1 296 Share Ranjeet Ghosi 15 Oct 2017 · 1 min read मैंने अपनी मंजिल ना पाई... जीवन के गुमनाम सफर में मिला न कोई सच्चा हमदम एक राह पर चलने, न हुआ तैयार प्रीतम डूब रहा हूं मैं लेहरो में नजर न आया कोई माझी,कोई हमदम... Hindi · कविता 297 Share Ranjeet Ghosi 15 Oct 2017 · 1 min read तुम सब कुछ कह देना... मिलने से जो खुशी मिली है बिछड़ने का गम कांटों चुभता है खुशी बांट ली तुझ संग यारा गम कैसे मैं बांटूगा जिसका दामन भरा फूलों से कांटे कैसे बिछाऊंगा... Hindi · कविता 296 Share Ranjeet Ghosi 13 Oct 2017 · 1 min read ईश्वर तेरा कैंसा जीवन. जीवन के है रंग निराले थोडे भूरे थोडे कारे कही रंगनियत मिलती नहीं कही रंगिनियत दिखती नहीं कहीं पे मिलती धन और दौलत कदम चूमती उनके सौहरत कई भूके पेट... Hindi · कविता 606 Share Ranjeet Ghosi 12 Oct 2017 · 1 min read मोहबत एेसी पूजा है ... मोहबत एेसी पूजा है, मोहबत सा नहीं दूजा एे तो एेसी दौलत है, एे तो एेसी सोहरत है मिल जाये जिंनहे, खुदा की इबादत है मोहबत दरद मे भी,सुंकु एहसास... Hindi · कविता 306 Share Ranjeet Ghosi 12 Oct 2017 · 1 min read मोहबत एेसी पूजा है ... मोहबत एेसी पूजा है, मोहबत सा नहीं दूजा एे तो एेसी दौलत है, एे तो एेसी सोहरत है मिल जाये जिंनहे, खुदा की इबादत है मोहबत दरद मे भी,सुंकु एहसास... Hindi · कविता 485 Share Ranjeet Ghosi 11 Oct 2017 · 1 min read आंसू पूछें ... आंसुओं का हिसाब, कुछ मैं लगा नहीं सकता खुशी के है या गम के, कुछ कह नहीं सकता आसूंआे के समंदर में,कहीं चिराग ए रोशन बुझ ना जाए जिनहे देखती... Hindi · कविता 1 1 519 Share Ranjeet Ghosi 9 Oct 2017 · 1 min read कहीं मैं खुद को भूल न जाऊं.. कहीं मैं खुद को भूल न जाऊं खुद से ही अनजान हो जाऊंगा किया ना था जो काम कभी काम वो अब ना कर जाऊं शर्मिंदा तुझे कर नहीं सकता... Hindi · कविता 289 Share Ranjeet Ghosi 9 Oct 2017 · 1 min read तोड़ दूं कैसे पैमाने तोड़ दूं कैसे पैमाने, उसमें तू बसती है मैं जब चाहूं तू मिल जाए मेरे जख्मों पर,फिर मरहम लगाए सुकून थोड़ा सा मुझे मिलता है तेरे नाम का प्याला प्रीतम... Hindi · कविता 297 Share Ranjeet Ghosi 9 Oct 2017 · 1 min read तुमने कैसे जुदा कर देना.. उनको चुके कुछ एहसास हमे जुदा मिला थी वहीं जालिम पर अंदाज नया मिला था उसकी आंखों में कुछ और शायद पर जुवा पे ताला लगा मिला कहना था शायद... Hindi · कविता 272 Share Ranjeet Ghosi 8 Oct 2017 · 1 min read अकेला एहसास.. चलना अकेला ही मुझे बस यादों का साथ है तेरा कोई रास्ता दिखाई देता नही बस एक विश्वास है तेरा मंजिल भी धुंधली दिखाई पड़ती बस आंखों में साफ है... Hindi · कविता 401 Share Ranjeet Ghosi 8 Oct 2017 · 1 min read दिल के अऱमा मेरे दिल के सारे अरमां,कविता और गजलो मे डाले कविताऔर गजलें लिख -लिख,दिल पर पड गय थोड़े जाले कविता और गजलों में, ना लिखा तेरा नाम कभी वैन गंगा से... Hindi · कविता 582 Share Ranjeet Ghosi 8 Oct 2017 · 1 min read दिल पंछी आज दिल पंछी बन,फिर उड़ चला हवा के समंदर में डूबकियां लगा बसानी थी मंजिल उसे भी कही ना था मगर अपने घर का पता सरहद परिदों की होती नहीं... Hindi · कविता 521 Share