Ramkhiladi yadav Tag: मुक्तक 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ramkhiladi yadav 10 Mar 2018 · 1 min read पैदा करती चली गयी..... वो इस कदर मेरे दिल मे पाशाण को रूप लेकर आयी, मेरे दिल रूपी समुद्र मे भंवर धारा के रूप मे हलचल पैदा कर चली गयीं, उस तो जरा भी... Hindi · मुक्तक 299 Share Ramkhiladi yadav 10 Mar 2018 · 1 min read मुलाकात हो ही गयी..... बहुत अरसों बाद उस प्यारी सी मुस्कान सें मुलाकात हो ही गयी, उस मुस्कान के पीछे मेरे विशवास से आज मुलाकात हो ही गयी, मैं थाम देना चाहता था उस... Hindi · मुक्तक 305 Share