Kavi Ramesh trivedi Tag: गीत 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kavi Ramesh trivedi 17 Mar 2022 · 1 min read बसंत गीत मलय वात पिक संग लिए मधुमास आ गया। ठिठुर रहीं थी बूढ़ी दादी कम्बल ओढ़ें खेल रहीं बूढ़े दादा के संग में होली बृद्वाबस्था में तरूणी सा भाव पा लिया।... Hindi · गीत 378 Share Kavi Ramesh trivedi 15 Mar 2022 · 1 min read बसंत गीत मदन बन बाग आया पिक प्रिया साथ लाया। पिक मिलन गीत गाती पथिक का मन बहलाती। सुगन्धित पवन बह रही हृदय में प्रणय भर रही। आम्र नवगात पाया मदन बन... Hindi · गीत 686 Share Kavi Ramesh trivedi 9 Feb 2022 · 1 min read क्या करूं क्या करूं अफसोस कितना हो रहा है। जिन्दगी के शांत पथ पर नेह का उत्पात सर्प बनकर डस रहा है बिष का मीठा जहर तन की सारी नाड़ियों में बह... Hindi · गीत 342 Share Kavi Ramesh trivedi 13 Jun 2021 · 1 min read मिलन कैसे हो चांद रहता गगन मे मिलन कैसे हो| मन बिरह गीत गाये सनम कैसे हो| गेह मे हूँ अकेला बसर कैसे हो| रैन लाती सबेरा कहर जैसे हो| चांद रहता गगन... Hindi · गीत 2 4 327 Share Kavi Ramesh trivedi 12 Jun 2021 · 1 min read सावन की बरसात सावन की बरसात मेघ करें गड़-गड़| स्याम रंग बदली से बूंद गिरें झम- झम| कामरूप पुरवा भी नृत्य करे छम-छम| हरित अंग फसलों के ईख करे सर-सर| सावन की बरसात... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 5 10 305 Share Kavi Ramesh trivedi 12 Jun 2021 · 1 min read बादल गीत आजा बादल आजा बादल घुमड़ – घुमड़ के छा जा बादल| दादुर झींगुर तुझे बुलाते पीपल पात लगे मुरझाने| ईख खड़ी खेतों में रोती अश्रु धरा के रज पी लेती|... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 2 9 433 Share Kavi Ramesh trivedi 12 Jun 2021 · 1 min read बर्षा सावन मे आई है सज-धज कर बर्षा सावन मे आई है सज-धज कर मेघ बदली से आये नहा धोकर| मेघ के बीच दामिनी के खिलते सुमन ले हिलोरें चले शीत लहरी पवन| नदी नाले भी भर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 11 497 Share Kavi Ramesh trivedi 10 Jun 2021 · 1 min read सावन की बरसात सावन की बरसात मेघ करें गड़-गड़| स्याम रंग बदली से बूंद गिरें झम- झम| कामरूप पुरवा भी नृत्य करे छम-छम| हरित अंग फसलों के ईख करे सर-सर| सावन की बरसात... Hindi · गीत 3 10 709 Share Kavi Ramesh trivedi 7 Jun 2021 · 1 min read बादल गीत आजा बादल आजा बादल घुमड़ - घुमड़ के छा जा बादल| दादुर झींगुर तुझे बुलाते पीपल पात लगे मुरझाने| ईख खड़ी खेतों में रोती अश्रु धरा के रज पी लेती|... Hindi · गीत 3 4 692 Share