रामबाबू ज्योति Tag: कविता 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid रामबाबू ज्योति 9 Oct 2018 · 1 min read चाबी किसी गाँव में एक ताले वाले की दुकान थी। ताले वाला रोजाना अनेकों चाबियाँ बनाया करता था। ताले वाले की दुकान में एक हथौड़ा भी था| वो हथौड़ा रोज देखा... Hindi · कविता · बाल कविता 1 1 355 Share रामबाबू ज्योति 25 Mar 2018 · 1 min read इंसान जाने कहाँ खो गए हैं जाने क्यूँ, अब शर्म से, चेहरे गुलाब नहीं होते। जाने क्यूँ, अब मस्त मौला मिजाज नहीं होते। पहले बता दिया करते थे, दिल की बातें। जाने क्यूँ, अब चेहरे, खुली... Hindi · कविता 415 Share रामबाबू ज्योति 4 Mar 2018 · 1 min read वो भी क्या दिन थे दादी माँ बनाती थी रोटी पहली गाय की , आखरी कुत्ते की एक बामणी दादी की एक मेथरानी बाई हर सुबह सांड आ जाता था दरवाज़े पर गुड़ की डली... Hindi · कविता 491 Share रामबाबू ज्योति 2 Mar 2018 · 1 min read पति पत्नी *पति-पत्नी* एक बनाया गया *रिश्ता*... पहले कभी एक दूसरे को *देखा* भी नहीं था... अब सारी *जिंदगी* एक दूसरे के साथ। पहले *अपरिचित*, फिर धीरे-धीरे होता *परिचय*। धीरे-धीरे होने वाला... Hindi · कविता 486 Share रामबाबू ज्योति 28 Jan 2018 · 1 min read जीवन ज्योति रे लियां (राजस्थानी) बहुत गंवायो जाग नर। धरती बणी उजाड़।। रूखां बिण कैंयां सरै । खुद आपणो उपाड।। ***************** मायड रा सिणगार सर। पौधां न अब रोप।। पालपोस इण विध जिंयां । बालक... Hindi · कविता 198 Share रामबाबू ज्योति 28 Jan 2018 · 1 min read पर्यावरण संरक्षण जल जीवन का सार है। जल बिन नहीं जहान।। जल दूषित होवे नहीं। इसका रखना ध्यान।। *************** जंगल अब रहते नहीं। राम कहां अब जाय।। चतुर्दशी कैसे कटे। सत युग... Hindi · कविता 336 Share रामबाबू ज्योति 27 Jan 2018 · 1 min read चमके सबका भाग्य सितारा शुचिता समता सौम्यभाव का, सभी ओर हो दिव्य नजारा । खुशियां बांटें आपस में हम बढा रहे शुभ भाईचारा ।। स्वर्ग उतर आए धरती पर, मानवता का मिले सहारा। मिटे... Hindi · कविता 205 Share रामबाबू ज्योति 24 Jan 2018 · 1 min read श्रद्धा सुमन (महात्मा ज्योतिबा फुले के लिए) जीवन जिसका ज्योति पुंज है। मन गंगा जल धारा है।। ऐसे प्यारे महापुरुष को। शत शत नमन हमारा है।। कर्म भूमि जिसका समाज है। सत पथ अविरल धारा है।। भेदभाव... Hindi · कविता 378 Share रामबाबू ज्योति 24 Jan 2018 · 1 min read बहे ज्योति की निर्मल धारा शुचिता समता सौम्यभाव का । सभी और हो दिव्य नजारा। । ??? खुशियां बांटें आपस में हम। बढा रहे शुभ भाईचारा ।। ??? स्वर्ग उतर आए धरती पर । मानवता... Hindi · कविता 488 Share रामबाबू ज्योति 23 Jan 2018 · 1 min read परीक्षा का भय नाम परीक्षा का सुनते ही, डर मुझको लगने लगता। जाने कहाँ नींद खो जाती, खाने में नहीं जी करता।। *** 'मम्मी कहती' - सो जा अब तो, कल जल्दी फिर... Hindi · कविता 1 572 Share