रामबाबू ज्योति Tag: दोहा 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid रामबाबू ज्योति 2 Mar 2018 · 1 min read मैं उनको नहीं रंग सकी *मैं उनको नहीं रंग सकी* *यह रह गया मलाल।* ??????? होली के हुडदंग में। ह्वै गए लालहिं लाल।। बंदर जैसे लग रहे। आज सभी के गाल।। ‼‼‼‼‼‼‼ भर भरके पिचकारियां।... Hindi · दोहा 218 Share