रमाकान्त पटेल 20 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid रमाकान्त पटेल 28 Mar 2024 · 1 min read मैं खोया हूँ मयखाने में... कोई मुझे रोक लेता इस जमाने में क्योंकि मैं खोया हूँ किसी मयखाने में मुझे क्या पता था ये दिन भी आएंगे कि मैं अकेला रह जाऊंगा जमाने में मैंने... Hindi 571 Share रमाकान्त पटेल 22 May 2023 · 1 min read जीवन एक अंधकार है... जीवन एक अंधकार है यदि जीवन में अंधकार ना हो तो ये जीवन बेकार है होती है कितनी प्यारी ये रातों की चांदनी बनती नभ के तारों से यह रातें... Poetry Writing Challenge 298 Share रमाकान्त पटेल 23 Aug 2021 · 1 min read हँसकर जिएंगे... न ही रुकेंगे , न ही झुकेंगे न ही डरेंगे , न ही सहेंगे आये जितनी भी मुश्किलें डटकर उनसे हम लड़ेंगे इस जिंदगी के पथ पर हमेशा हँसकर जियेंगे... Hindi · मुक्तक 2 461 Share रमाकान्त पटेल 10 Aug 2021 · 1 min read जीवन एक अंधकार है ... जीवन एक अंधकार है यदि जीवन में अंधकार ना हो तो ये जीवन बेकार है होती है कितनी प्यारी ये रातों की चांदनी बनती नभ के तारों से यह रातें... Hindi · कविता 1 607 Share रमाकान्त पटेल 13 Apr 2021 · 1 min read जिंदगी एक झमेला है ... जिंदगी एक झमेला है खुशी और ग़म का मेला है कौन अपना और पराया है ये सब स्वार्थ का खेला है रिश्ते-नाते प्यार, मोहब्बत चले जब तक पास धेला है... Hindi · कविता 4 6 813 Share रमाकान्त पटेल 8 Feb 2021 · 1 min read दिल से दिल की बात करें... तेरी झुकी हुई पलकें कुछ वयां कर रहीं हैं प्यार है शायद मुझसे इसलिए शरमा रहीं हैं दो लफ्ज़ जो कहे तुमने उनको ही संजोए बैठा हूँ उस प्यारी सी... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 82 997 Share रमाकान्त पटेल 27 Jan 2021 · 1 min read क्या आज मैं कविता लिख पाऊंगा ? क्या आज मैं कविता लिख पाऊंगा ? मैं सोच नहीं पा रहा हूँ क्या लिखूं ? मन में कोई विचार नहीं आ रहे हैं कलम की स्याही खत्म होने को... Hindi · कविता 1 789 Share रमाकान्त पटेल 25 Jan 2021 · 1 min read वेवफा... क्या तमन्ना थी मेरी और क्या हो गई जिंदगी जीनी थी और सजा हो गई न कोई शिकवा न शिकायत लेकिन वफ़ा की बात थी क्यों वेवफा हो गई ✍️... Hindi · मुक्तक 341 Share रमाकान्त पटेल 3 Sep 2020 · 1 min read आँसुओं को गिरने दो.... आँख से आँसुओं को गिरने दो कभी तो आँसू मोती होगा उजालों में अंधेरा रहने दो कभी तो अंधेरा काजल होगा पतझड़ में सावन को आने दो कभी तो जीवन... Hindi · कविता 1 7 503 Share रमाकान्त पटेल 27 Aug 2020 · 1 min read नन्हें-मुन्ने प्यारे बच्चे... नन्हें-मुन्ने प्यारे बच्चे भोले-भाले मन के सच्चे रोज हंसते और खेलते हैं मीठी भाषा ही बोलते हैं करते रहते हैं सैर सपाटा घर के आँगन को महकाते इनको देख फूल... Hindi · कविता 3 2 468 Share रमाकान्त पटेल 20 Aug 2020 · 1 min read सिर्फ एक धड़कन... कोई नहीं है इस दुनियाँ में सिर्फ अकेलेपन के चूर हो गए वो सपने मेरे बुने जो जीवनभर के न जाने क्या है जीवन में गुजर रहा डर डर के... Hindi · कविता 4 2 504 Share रमाकान्त पटेल 17 Aug 2020 · 1 min read जिंदगी गुजर रही अब मयखाने में.. जिंदगी गुजर रही अब मयखाने में न कोई दोस्त है न कोई यार है बस अकेला रह गया हूँ जमाने में जिंदगी गुजर रही अब मयखाने में किसी को भी... Hindi · कविता 4 7 538 Share रमाकान्त पटेल 15 Aug 2020 · 1 min read वीर शहीद लेता हूँ जब शहीदों का नाम आँख में आँसू भर आते हैं सुनता हूँ जब वीरों की गाथा तो मेरे भी बाजू फड़क जाते हैं अपनी धरती माँ की रक्षा... Hindi · कविता 3 2 354 Share रमाकान्त पटेल 12 Aug 2020 · 1 min read तुम्हारा श्याम हूँ... देखा था तुमको प्रिय मैंने अपने हिय के आंगन में मिल जाओ तुम मुझको भर दूँगा खुशी तुम्हारे दामन में आ जाओ तुम राधा बनकर मैं भी तो तुम्हारा श्याम... Hindi · कविता 2 2 376 Share रमाकान्त पटेल 6 Aug 2020 · 1 min read दर्द का कर्ज़ अफसोस नहीं है अपने दर्द का जो तूने दिए तो और जमा हुए बन गया मैं दर्द का सौदागर तेरे दर्द देने से और अमीर हुए कौन कहता है कि... Hindi · कविता 3 2 511 Share रमाकान्त पटेल 4 Aug 2020 · 1 min read जिंदगी गमज़दा हो रही है... जिंदगी गमज़दा हो रही है आज फिर आजमा रही है ले रही है हरदम इम्तिहान आज फिर से तड़पा रही है जिंदगी कितने मोड़ लेती है खुशी को ग़म से... Hindi · कविता 5 8 544 Share रमाकान्त पटेल 22 Jul 2020 · 1 min read ऑनलाइन आज की इस दुनियाँ में हो रहा सब ऑनलाइन इसको देखो,उसको देखो मिलते हैं सब ऑनलाइन नहीं किसी से मतलब इनको खाना-पीना सब ऑनलाइन पढ़ना-लिखना, हँसना-खेलना रोना भी है अब... Hindi · कविता 3 10 460 Share रमाकान्त पटेल 22 Jan 2019 · 1 min read कविता की उत्पत्ति दर्द की ज्वाला जब फूटती है तो कविता खुदबखुद निकलती है प्यार की डोर जब टूटती है तो कलम खुदबखुद चलती है मन जब अंदर से रोता है तो शब्दों... Hindi · कविता 2 2 764 Share रमाकान्त पटेल 20 Dec 2018 · 1 min read नया सवेरा हैं बेटियाँ................ हम सब की प्यारी हैं बेटियाँ सारे जग से न्यारी हैं बेटियाँ खेतों की एक क्यारी हैं बेटियाँ बाग की नई फुलवारी हैं बेटियाँ माँ-बाप की तो जान हैं बेटियाँ... Hindi · कविता 3 5 408 Share रमाकान्त पटेल 25 Nov 2018 · 1 min read माँ साथ होती तो... आज माँ साथ होती तो भूखा नहीं सोता मैं आज माँ साथ होती तो अकेले नहीं रोता मैं आज माँ साथ होती तो इतना न सोचता मैं आज माँ साथ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 66 1k Share