RAKESH RAKESH Tag: सुबह की ओस 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid RAKESH RAKESH 16 May 2023 · 1 min read ओस की बूंद प्रदूषण का पहला दोष, खत्म करें सुबह की ओस। जब आएगा होश, पृथ्वी साथ छोड़ेगी बताए बिना हर रोज। मिलती नहीं अब ओस, कहां नंगे पांव चले अब होगा मोतियाबिंद... Poetry Writing Challenge · कविता · सुबह की ओस 582 Share