Rajkumar Kochhor 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajkumar Kochhor 8 Feb 2018 · 1 min read परिन्दें "परिन्दें" बड़ी बड़ी इमारतें है ठिकाना मेरा, न जाने कहाँ है खाना मेरा । "परिन्दें" है हम इस दुनिया के, खुला आसमान है सफर मेरा ।। तेरा कांच का महल... Hindi · कविता 1 525 Share Rajkumar Kochhor 8 Feb 2018 · 1 min read रक्त "रक्त" एक पल की जिन्दगी और दो का वक्त , टुटते है रिश्ते-नाते पर जोड़ता है रक्त । तेरा खुन भी लाल और मेरा भी लाल, सभी धर्मो को एक... Hindi · कविता 305 Share