राजेश 'ललित' Tag: मुक्तक 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राजेश 'ललित' 1 Jan 2019 · 1 min read 'नव प्रभात'--------"उठो सूरज-उगो सूरज" 'उठो सूरज-उगो सूरज" ------------------------------ चलो उठो सूर्य नव वर्ष आया सब प्रतीक्षारत हैं नव प्रभात पर सर्द सुबह पर गर्म कंबल का मोह छोड़ो और उगो बहुत मुश्किल है न... Hindi · मुक्तक 7 1 294 Share राजेश 'ललित' 9 Oct 2018 · 1 min read सीले रिश्ते,कौन सिलेगा? सीले रिश्ते कौन सिलेगा ? सुई जोड़ेगी,पर हर जोड़ पर चुभेगी। धागा उभरेगा ! रिश्ता फटा ही रहेगा, भीतर ही भीतर जुड़ा नज़र आयेगा, सिर्फ ऊपर। चला सको ,चलाओ जब... Hindi · मुक्तक 4 240 Share राजेश 'ललित' 29 Nov 2017 · 1 min read "तद्भव" कापी,पेस्ट,क्लिक के ज़माने में मौलिकता कहीं खोती जा रही है।आपकी रचना कोई चुरा कर आपके सामने प्रस्तुत करता है तो लगता है पढ़ी हुई/सुनी हुई लगती है।चलो इस कविता के... Hindi · मुक्तक 5 2 517 Share राजेश 'ललित' 18 Sep 2017 · 1 min read बरस पड़ी आँखें "बरस पड़ी आँखें" "क्षणिका" ------------------- कल बादल भी नहीं थे तन्हा भी नहीं था सब थे आस पास मन भी नहीं था उदास ! फिर भी बेमौसम क्यों? बरस पड़ी... Hindi · मुक्तक 4 552 Share राजेश 'ललित' 10 Sep 2017 · 1 min read "मन की खिड़की" यह कोई कविता नहीं;मन से निकली आनायास एक आवाज़ है जो मन से निकलता गया;ढलता गया ;मैंने कविता मान लिया ;आप मानोगे तो ठीक नहीं तो यूँ ही पढ़ लेना।... Hindi · मुक्तक 4 382 Share राजेश 'ललित' 5 Sep 2017 · 1 min read दो रचनायें प्रकाशनार्थ दो रचनायें पाठकों के सम्मुख हैं।प्रतिक्रिया चाहूँगा। ----------------- "रुँधे गले से" ----------------- रुँधे गले से मत बोल कौन सुनेगा? जो तू कहेगा ! वो दर्द वो वेदना दो शब्द जो... Hindi · मुक्तक 4 433 Share राजेश 'ललित' 24 Aug 2017 · 1 min read अपने अपने कृष्ण जब भी हम संकट में होते हैं तो हम माँ और भगवान को याद करते हैं।यदि उस घड़ी कोई सहायतार्थी मिल जाये तो वह सारथी कृष्ण जैसा लगता है। ------------------------... Hindi · मुक्तक 4 260 Share राजेश 'ललित' 8 Aug 2017 · 1 min read मन खट्टा "मन खट्टा" ----------------- मन खट्टा हो गया चल यार कैसी बात करता है मन कभी मीठा हुआ कभी सुना क्या? नहीं न यूँ ही जमी रहेगी दही रिश्तों की खटास... Hindi · मुक्तक 4 415 Share