राजेश बन्छोर Tag: कविता 47 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read 26 जनवरी 2001.....गुजरात उद्घोष हुआ जय भारत का लगा तिरंगा लहराने तभी अचानक धरती कांपी लगे लोग तब घबराने मुस्काती गलियां, हंसती राहें खंडहर हर मकान हुआ हरी भरी खुशहाल सी धरती पल... Poetry Writing Challenge · कविता 1 244 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read एक समय की बात एक महाशय से मैंने पूछा क्यों भई, मेरी रचनाएं पढ़ते हो ? वे बोले, जन विरोधी रचनाएं लिखकर जनता से ही पूछते हो ll मैं बोला, न मैं जन विरोधी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 137 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read आज का अर्जुन न जानें क्यों आज का अर्जुन दुर्योधन से डरने लगा है वह बार-बार खुदकुशी करने लगा है बच जाता है वह हर बार अब आज का जहर नकली बनने लगा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 398 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read श्रमेव जयते बढ़ई के माथे से गिरा पसीने का एक बूंद लकड़ी पर चमकीला बिन्दु बना देता है लेकिन रेन्दे का एक आक्रोश मिटा देता है उसे सदा के लिए अब रेन्दे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 111 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read यादें....पोखरण आजादी की अर्धशती पर हमें मिला अनुपम उपहार l सफल हुआ परमाणु परीक्षण अभिनंदन केन्द्रीय सरकार ll हल्की सी पुरवाई थी पहले अब जोरों का तूफान चला l पांच धमाकों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 188 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read जरा सोचिए..... जरा सोचिए, क्या सोच पाते हैं आप आज के हालात में बदलती हुई एकता का रूप, बढ़ती वारदात में कहते हैं लोग, ये सब क्या हो रहा है आजादी के... Poetry Writing Challenge · कविता 1 204 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read आखिर ऐसा क्यों बढ़ रहे बलात्कारी ! चीख रही भारत की नारी !! आज के मायावी राक्षसों से भगवान भी घबराता है ! इसलिए द्रोपदी की लाज बचाने कोई कृष्ण नहीं आता है... Poetry Writing Challenge · कविता 1 183 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read कारगिल ललकार हमें न ए जालिम अब हमें नहीं सहना है ! खबरदार ए सरहदपार कश्मीर हमारा अपना है !! मत दोहरा इतिहास भूल से इतिहास नया बनाके देख ! यारी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 162 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read अमर शहीद अन्याय हुआ शोले उठे अब सभी शोर रूक जाएँगे ! सात दशक आजादी के जैसे फिर बहार चमन में आएँगे !! शहीद हुए जो मातृभूमि पर यही शब्द रह जाएँगे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 133 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read एका त्योहार दीवाली सा हर दिन लगे और दशहरे सी रात ! होली जैसी दोपहरी हो रोज खुशी की बात !! पर आज दीया जले आगजनी सा राम राज में रावण पलता... Poetry Writing Challenge · कविता 1 142 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read मजदूर अपनी सांसों में उर्जा भरकर निर्माण जो करता नवयुग का औरों को सुख-सुविधा देकर करे सामना हर दुख का जो रूके अगर, रूक जाए दुनिया सारे जग का रीढ़ वही... Poetry Writing Challenge · कविता 1 70 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read साथी चल साथी चल कुछ कर दिखलाएँ अमन-चैन के गीत सुनाएँ शोषण, घुसखोरी, गद्दारी अन्याय, अनाचार, भ्रष्टाचारी गली-गली नफरत का जहर द्वार-द्वार मच रहा कहर मिलकर आओ दूर भगाएँ साथी चल कुछ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 67 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read एक संदेश आपके नाम जन्मदिवस के रूप में यह दिन सुहाना आया है हर दिल पर रंगी रौनक है आंखों में मस्ती छाया है भगवान करे, दस्तूर चले सालों साल यह शमाँ जले आज... Poetry Writing Challenge · कविता 1 130 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read खूनी गीत जब भी मैंने कलम उठाया ! लिखने को कोई गीत नया !! कलम मेरे रूक जाते हैं ! विचार लुप्त हो जाते हैं !! क्योंकि, बम-बारूद की भाषा ! आज... Poetry Writing Challenge · कविता 1 187 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read सपने में आती हो सपने में आती हो मुझे बहुत सताती हो जब भी पूछा तुमसे दोस्ती करोगी मुझसे ? थोड़ा मुस्काना, फिर पलकें झुकाना सचमुच गजब ढाती हो सपने में आती हो मुझे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 88 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read मेरी ख्वाहिश - मेरी तमन्ना मेरी ख्वाहिश मेरी तमन्ना मेरी उम्मीदों का सपना हर पल, हर क्षण यही चाहूं मैं पूनर्जन्म में मेरी बनना घर समाज के ढ़ेरों बंधन इस जन्म में सह लेंगे हम... Poetry Writing Challenge · कविता 1 126 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read ओ गोरिया ओ गोरिया, आँखों से तू मदहोश है जिसे देखूं मुझको लागे दिल में चोट रे जब-जब तुझको देखूं, हलचल होती है दिल में जब न देखूं तुझको, मैं पड़ जाऊं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 202 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read कैसे बताऊं मैं कैसे बताऊं मैं, कैसे समझाऊं मैं मेरे लिए तुम कौन हो, क्या हो सुनहरी धूप हो, श्रावणी घटा हो मचलती नदी या बहती हवा हो तुम प्रीत हो, मनमीत हो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 288 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read स्वच्छ भारत अभियान स्वच्छ तन, स्वच्छ मन फिर मैला क्यों अपना आंगन ठान ले ऐसा हम अगर स्वच्छ रखेंगे डगर-डगर गली, मोहल्ला, चौक, चौराहा अब नहीं होगा ये मैला बस एक दिन का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 206 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read माँ गर्म तवे से हाथ जला जब तुमने अपना फर्ज निभाई स्तन से बूंदे टपकाकर मेरे जख्मों पर लेप लगाई कैसे भूलूं तेरा उपकार कैसे दूध का कर्ज चुकाऊँ तेरे चरणों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 289 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read अमन राष्ट्र गुजरता साल देखकर दिल कह रहा है ! क्यों हर घड़ी लहू बह रहा है !! इस बरस भी खून-खराबा अपहरण, आगजनी ! बम-विस्फोट, बलात्कार बरसों से ये बात चली... Poetry Writing Challenge · कविता 1 159 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read ए हिन्द के निवासी ए हिन्द के निवासी, ए हिन्द के निवासी | हिन्दुस्तां है तेरी, तू हिन्दुस्तां की || ताक पे न रख वतन, ये कहीं गिर जाएगा | ढेर नीचे बारूद का,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 282 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read प्रेम.... किस्तों में कभी किया दीदार था हमने आज सुबह इजहार हुआ | बीत गये बरसों बरस हमने किस्तों में प्यार किया || पहली किस्त की बारी आई बीच सड़क वो आ टकराई... Poetry Writing Challenge · कविता 1 341 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read 9/11 चंद तस्वीरें जमीन खून से लाल था पहले अंबर अब अंगार हुआ I आतंक की आंधी इस कदर क्यों लोगों का श्रृंगार हुआ II नहीं पता था हमको यारों पानी भी जल... Poetry Writing Challenge · कविता 1 298 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read एकता कहीं दर्द का नाम नहीं हो मजहब पर कत्लेआम नहीं हो l घर-घर फैले प्रेम-अहिंसा नफरत का कोई काम नहीं हो ll आओ मिलकर शपथ उठाएं ऐसा एक नवभारत बनाएं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 248 Share राजेश बन्छोर 4 Jun 2023 · 1 min read नई आजादी हमारी कोई कमजोरी है तभी तो भ्रष्टाचार फैलाने वाले जी रहे हैं सफेदपोशियों के रूप में देशवासियों का लहू पी रहे हैं हमारा इतिहास धूमिल हो रहा है सफेदपोशियों का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 260 Share राजेश बन्छोर 15 Aug 2022 · 1 min read नई आजादी हमारी कोई कमजोरी है तभी तो भ्रष्टाचार फैलाने वाले जी रहे हैं सफेदपोशियों के रूप में देशवासियों का लहू पी रहे हैं हमारा इतिहास धूमिल हो रहा है सफेदपोशियों का... Hindi · कविता 143 Share राजेश बन्छोर 17 Oct 2021 · 1 min read एकता कहीं दर्द का नाम नहीं हो मजहब पर कत्लेआम नहीं हो l घर-घर फैले प्रेम-अहिंसा नफरत का कोई काम नहीं हो ll आओ मिलकर शपथ उठाएं ऐसा एक नवभारत बनाएं... Hindi · कविता 462 Share राजेश बन्छोर 11 Sep 2021 · 1 min read 9/11 चंद तस्वीरें जमीन खून से लाल था पहले अंबर अब अंगार हुआ I आतंक की आंधी इस कदर क्यों लोगों का श्रृंगार हुआ II नहीं पता था हमको यारों पानी भी जल... Hindi · कविता 509 Share राजेश बन्छोर 1 Feb 2021 · 1 min read प्रेम.......किस्तों में कभी किया दीदार था हमने आज सुबह इजहार हुआ | बीत गये बरसों बरस हमने किस्तों में प्यार किया || पहली किस्त की बारी आई बीच सड़क वो आ टकराई... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 22 144 1k Share राजेश बन्छोर 26 Jan 2021 · 1 min read ए हिन्द के निवासी ए हिन्द के निवासी, ए हिन्द के निवासी | हिन्दुस्तां है तेरी, तू हिन्दुस्तां की || ताक पे न रख वतन, ये कहीं गिर जाएगा | ढेर नीचे बारूद का,... Hindi · कविता 2 353 Share राजेश बन्छोर 4 Dec 2018 · 1 min read अमन-राष्ट्र गुजरता साल देखकर दिल कह रहा है ! क्यों हर घड़ी लहू बह रहा है !! इस बरस भी खून-खराबा अपहरण, आगजनी ! बम-विस्फोट, बलात्कार बरसों से ये बात चली... Hindi · कविता 469 Share राजेश बन्छोर 1 Nov 2018 · 1 min read माँ गर्म तवे से हाथ जला जब तुमने अपना फर्ज निभाई स्तन से बूंदे टपकाकर मेरे जख्मों पर लेप लगाई कैसे भूलूं तेरा उपकार कैसे दूध का कर्ज चुकाऊँ तेरे चरणों... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 22 817 Share राजेश बन्छोर 21 Sep 2018 · 1 min read स्वच्छ भारत अभियान स्वच्छ तन, स्वच्छ मन फिर मैला क्यों अपना आंगन ठान ले ऐसा हम अगर स्वच्छ रखेंगे डगर-डगर गली, मोहल्ला, चौक, चौराहा अब नहीं होगा ये मैला बस एक दिन का... Hindi · कविता 397 Share राजेश बन्छोर 13 May 2018 · 1 min read माँ गर्म तवे से हाथ जला जब तुमने अपना फर्ज निभाई स्तन से बूंदे टपकाकर मेरे जख्मों पर लेप लगाई कैसे भूलूं तेरा उपकार कैसे दूध का कर्ज चुकाऊं तेरे चरणों... Hindi · कविता 691 Share राजेश बन्छोर 20 Mar 2018 · 1 min read कैसे बताऊं मैं कैसे बताऊं मैं, कैसे समझाऊं मैं मेरे लिए तुम कौन हो, क्या हो सुनहरी धूप हो, श्रावणी घटा हो मचलती नदी या बहती हवा हो तुम प्रीत हो, मनमीत हो... Hindi · कविता 410 Share राजेश बन्छोर 13 Mar 2018 · 1 min read किस्तों में कभी किया दीदार था हमने आज सुबह इजहार हुआ बीत गये बरसों बरस हमने किस्तों में प्यार किया पहली किस्त की बारी आई बीच सड़क वो आ टकराई हमने पूछा,... Hindi · कविता 1 1 494 Share राजेश बन्छोर 13 Mar 2018 · 1 min read मेरी ख्वाहिश-मेरी तमन्ना मेरी ख्वाहिश मेरी तमन्ना मेरी उम्मीदों का सपना हर पल, हर क्षण यही चाहूं मैं पूनर्जन्म में मेरी बनना घर समाज के ढ़ेरों बंधन इस जन्म में सह लेंगे हम... Hindi · कविता 565 Share राजेश बन्छोर 13 Mar 2018 · 1 min read सपने में आती हो सपने में आती हो मुझे बहुत सताती हो जब भी पूछा तुमसे दोस्ती करोगी मुझसे ? थोड़ा मुस्काना, फिर पलकें झुकाना सचमुच गजब ढाती हो सपने में आती हो मुझे... Hindi · कविता 380 Share राजेश बन्छोर 23 Sep 2017 · 1 min read खूनी गीत ************************* जब भी मैंने कलम उठाया ! लिखने को कोई गीत नया !! कलम मेरे रूक जाते हैं ! विचार लुप्त हो जाते हैं !! क्योंकि, बम-बारूद की भाषा !... Hindi · कविता 432 Share राजेश बन्छोर 23 Sep 2017 · 1 min read एक संदेश आपके नाम ********************* जन्मदिवस के रूप में यह दिन सुहाना आया है हर दिल पर रंगी रौनक है आंखों में मस्ती छाया है भगवान करे, दस्तूर चले सालों साल यह शमाँ जले... Hindi · कविता 862 Share राजेश बन्छोर 2 May 2017 · 1 min read " साथी चल " ********************* साथी चल कुछ कर दिखलाएँ अमन-चैन के गीत सुनाएँ शोषण, घुसखोरी, गद्दारी अन्याय, अनाचार, भ्रष्टाचारी गली-गली नफरत का जहर द्वार-द्वार मच रहा कहर मिलकर आओ दूर भगाएँ साथी चल... Hindi · कविता 416 Share राजेश बन्छोर 2 May 2017 · 1 min read "मजदूर" अपनी सांसों में उर्जा भरकर निर्माण जो करता नवयुग का औरों को सुख-सुविधा देकर करे सामना हर दुख का जो रूके अगर, रूक जाए दुनिया सारे जग का रीढ़ वही... Hindi · कविता 794 Share राजेश बन्छोर 2 Mar 2017 · 1 min read एका त्योहार दीवाली सा हर दिन लगे और दशहरे सी रात ! होली जैसी दोपहरी हो रोज खुशी की बात !! पर आज दीया जले आगजनी सा राम राज में रावण पलता... Hindi · कविता 661 Share राजेश बन्छोर 30 Jan 2017 · 1 min read "अमर शहीद" अन्याय हुआ शोले उठे अब सभी शोर रूक जाएँगे ! सात दशक आजादी के जैसे फिर बहार चमन में आएँगे !! शहीद हुए जो मातृभूमि पर यही शब्द रह जाएँगे... Hindi · कविता 572 Share राजेश बन्छोर 29 Jan 2017 · 1 min read "कारगिल" ललकार हमें न ए जालिम अब हमें नहीं सहना है ! खबरदार ए सरहदपार कश्मीर हमारा अपना है !! मत दोहरा इतिहास भूल से इतिहास नया बनाके देख ! यारी... Hindi · कविता 678 Share राजेश बन्छोर 29 Jan 2017 · 1 min read आखिर ऐसा क्यों ? बढ़ रहे बलात्कारी ! चीख रही भारत की नारी !! आज के मायावी राक्षसों से भगवान भी घबराता है ! इसलिए द्रोपदी की लाज बचाने कोई कृष्ण नहीं आता है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 1 1k Share