rahul ganvir 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid rahul ganvir 3 Dec 2022 · 1 min read जहरीला साप है विडंबना देश की देश में , चोर बैठे हैं छोर छोर पर निगलने जैसे ज़हरीले साँप की तरह बचा सको तो बचा लो उनसे बैठे हैं छोर छोर पर... Hindi 1 313 Share rahul ganvir 21 Jun 2020 · 1 min read माँ पिता ही अवतार हैं माँ की ममता ,पिता की साया , दोनों बिन जीवन किसने पाया । माँ का आँचल जैसे, गगन में तारे, पिता का हाथ जैसे जीवन का साथ । माँ की... Hindi · कविता 3 2 654 Share rahul ganvir 24 Mar 2019 · 1 min read वीर भगत सिंह हो कर शहीद राजगुरू ,सुखदेव ,भगत सिंह, दे गए हमे आजादी , वीर गति से । किसी की हिम्मत नहीं थी , जो चलते थे सीना तानकर , सर पर... Hindi · कविता 355 Share rahul ganvir 21 Dec 2018 · 1 min read जिंदगी भी कब तक यू जिंदगी भी कब तक मेरी यू ,पिसते चली जायेगी । क्या यू ही दर्द तन्हाइयों से, झुझते चली जायेगी । अब क्या पता ,क्या खबर , ज़िन्दगी भर जिन्दगी को... Hindi · कविता 1 221 Share rahul ganvir 8 Dec 2018 · 1 min read क्या मैं.. क्या मैं यू ही घुट घुट कर जीता रहूँगा , क्या मैं दुनिया देखकर तरसता रहूंगा । जिंदगी मेरी क्या यू ही घुटन सी होगी , तरसती आँखे क्या तरसते... Hindi · कविता 279 Share rahul ganvir 30 Jul 2018 · 1 min read किस्मत अपनी अजमाने दो .... क्यू बांधते हो, अपनों को , छू लेने दो, सपनो को l किस्मत अपनी, अजमाने दो , इनको खूब, इटकाने दो | मन की गति से, ये खूब चलेंगे ,... Hindi · कविता 250 Share rahul ganvir 25 Feb 2018 · 1 min read मोहब्बत मोहब्बत् तुझे हम खुदा जानते हैं , मोहब्बत् हम तुझे सबसे जुदा मानते हैं | तेरी आहटों की झलक पाने के लिए, दिल में हम तंबू तानते हैं | मानते... Hindi · कविता 240 Share rahul ganvir 7 Feb 2018 · 1 min read जन्नत् की परी हैं बेटियाँ... जन्नत् की परी है बेटियाँ खरी और न्यारी हैं बेटियाँ मन की दूलारी हैं बेटियाँ जीवन की सुहानी हैं बेटियाँ जन्नत् की परी हैं बेटियाँ... घर मुस्कुराता हैं जब, मुस्कुराती... Hindi · कविता 494 Share rahul ganvir 6 Feb 2018 · 1 min read दूर हूँ मजबूर हूँ ... दूर हूँ मजबूर हूँ पर ज़िन्दगी में मसहूर हूँ नूर हूँ, चूर हूँ, मैं फिर भी मगरूर हूँ , दूर हूँ मजबूर हूँ... तकलीफ है, फिर भी खुश हूँ जीवन... Hindi · कविता 339 Share rahul ganvir 22 Dec 2017 · 1 min read पत्थर घिस जात है... बार- बार रस्सी चले से पत्थर घिस जात हैं | बूंद -बूंद बरसात से, खाली घड़ा भर जात हैं | पग-पग चलन -चलन से, ए धरती नापत जात हैं |... Hindi · कविता 332 Share rahul ganvir 21 Dec 2017 · 1 min read कोहरा..... लाखों दूर से पैदल चलकर, आया मानों कोहरा | यही उम्मीद लेकर की, कल होगा कोई काम सुनहरा | आज दुःख के बादल गिरकर, बना हो जैसे कोहरा | कल... Hindi · कविता 315 Share