मुंशी प्रेमचंद 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मुंशी प्रेमचंद 15 May 2021 · 20 min read ईदगाह रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद ईद आयी है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभाव है। वृक्षों पर अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब रौनक है, आसमान पर कुछ... Hindi · कहानी 1 442 Share मुंशी प्रेमचंद 15 May 2021 · 11 min read नशा ईश्वरी एक बड़े जमींदार का लड़का था और मैं एक गरीब क्लर्क का, जिसके पास मेहनत-मजूरी के सिवा और कोई जायदाद न थी। हम दोनों में परस्पर बहसें होती रहती... Hindi · कहानी 1 852 Share मुंशी प्रेमचंद 15 May 2021 · 11 min read गुप्त धन बाबू हरिदास का ईंटों का पजावा शहर से मिला हुआ था। आसपास के देहातों से सैकड़ों स्त्री-पुरुष, लड़के नित्य आते और पजावे से ईंट सिर पर उठा कर ऊपर कतारों... Hindi · कहानी 1 1 429 Share मुंशी प्रेमचंद 15 May 2021 · 12 min read नमक का दारोगा जब नमक का नया विभाग बना और ईश्वरप्रदत्त वस्तु के व्यवहार करने का निषेध हो गया तो लोग चोरी-छिपे इसका व्यापार करने लगे। अनेक प्रकार के छल-प्रपंचों का सूत्रपात हुआ,... Hindi · कहानी 1 2 436 Share मुंशी प्रेमचंद 15 May 2021 · 9 min read पूस की रात हल्कू ने आकर स्त्री से कहा- सहना आया है, लाओ, जो रुपये रखे हैं, उसे दे दूँ, किसी तरह गला तो छूटे । मुन्नी झाड़ू लगा रही थी। पीछे फिरकर... Hindi · कहानी 2 643 Share मुंशी प्रेमचंद 15 May 2021 · 7 min read विध्वंस जिला बनारस में बीरा नाम का एक गाँव है। वहाँ एक विधवा वृद्धा, संतानहीन, गोंड़िन रहती थी, जिसका भुनगी नाम था। उसके पास एक धुर भी जमीन न थी और... Hindi · कहानी 1 500 Share मुंशी प्रेमचंद 15 May 2021 · 18 min read कजाकी मेरी बाल-स्मृतियों में 'कजाकी' एक न मिटने वाला व्यक्ति है। आज चालीस साल गुजर गये; कजाकी की मूर्ति अभी तक आँखों के सामने नाच रही है। मैं उन दिनों अपने... Hindi · कहानी 3 797 Share