Preksha mehta 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Preksha mehta 29 May 2024 · 1 min read मां को शब्दों में बयां करना कहां तक हो पाएगा, मां को शब्दों में बयां करना कहां तक हो पाएगा, जहां कलम रुकेगी मेरी एक नया किदार निकल आएगा। Quote Writer 1 118 Share Preksha mehta 29 May 2024 · 1 min read घुटन युवा मन,क्यों है इतना बैचेन, क्यों खो गया सुकूं और चैन। क्यों वे हमसे महसूस नहीं करते जुड़ाव, कहां ले जा रहा उन्हें भीतर का तनाव। रोज नित नए तरीके... Hindi · 25 कविताएं · कविता · बैचेन · युवा पीढ़ी 1 119 Share Preksha mehta 28 May 2024 · 1 min read *सृजन* साहित्य का सृजन, एक कला है अद्भुत, शब्दों से हो दोस्ताना तो, मन हो जाता अभिभूत अपने अपने समय के विचारों का खजाना है, और कहीं कहीं आम जिंदगी का... Hindi · 25 कविताएं · कविता 1 95 Share