प्रवीण कुमार सोलंकी 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रवीण कुमार सोलंकी 11 Dec 2020 · 1 min read सबका मालिक एक है बंदे, सबका मालिक एक सबका मालिक एक है बंदे, सबका मालिक एक। रास्ते सबके भले अलग हो मंज़िल है सबकी एक। सबका मालिक एक है बंदे..... आना जाना जीवन का फेरा फंसा है इसमें... Hindi · कविता 2 4 280 Share प्रवीण कुमार सोलंकी 17 Aug 2019 · 2 min read पिता का पत्र प्रिय पुत्र इसमें कोई नयी बात नहीं है, जो मैं तुम्हें बताने जा रहा हुं। ये तो दुनिया में आम बात हो चुकी है, की लोग अपने पिता को वृद्ध... Hindi · लघु कथा 2 2 540 Share प्रवीण कुमार सोलंकी 25 Feb 2019 · 1 min read वो एक पेड़ था ...... पंछी को बसेरा देता , पंथी को छाया देता, किसी से पैसा नहीं लेता था, ऐसा भी एक सेठ था | वो एक पेड़ था ........(1) मिलती है हमको प्राणवायु... Hindi · कविता 3 4 264 Share प्रवीण कुमार सोलंकी 23 Nov 2018 · 1 min read माँ १) नौ माह पाला गर्भ मे, मिली है तुझसे श्वास रब को कभी देखा नहीं, तुझमे है विश्वास २) तिल तू मरती रही, पल पल निकली जान, दर्द का जिक्र... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 95 593 Share