Dr.Pratibha Prakash Language: Hindi 142 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.Pratibha Prakash 7 May 2024 · 1 min read तुम कौन हो ज्ञान शक्ति और विधा, अध्यात्म का आधार हैं पूजा भक्ति पाठ ग्रंथ, हवन यज्ञ मन्त्र सूत्रधार है अंतर्मन में झांक कर, कर रहा चिन्तन सदा ही साधना के पथ पर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मुक्तक 2 55 Share Dr.Pratibha Prakash 6 May 2024 · 2 min read नाद अनहद ये नाद अनहद सुन रहा मन चिंतन को आतुर हुआ हुआ क्या है मनुज को आज काहे श्रेष्ठ चातुर हुआ पूजा अर्चन पाठ मंथन मंदिर सब ही अब बिकने लगे... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 3 44 Share Dr.Pratibha Prakash 6 May 2024 · 1 min read कल्याण जानिए स्वयं को प्राप्त कीजिए आत्म ज्ञान जो भारत की आत्मा की आधार शिला है कीजिए साधना जानिए शिव शिवत्व सत्य जो सृष्टि के अस्तित्व की आधार शिला है शिव... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 32 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read दर्शन तुम्हें देखना चाहे जब मन,देख सकूं आंखों का दर्पण हो आभास अस्तित्व मेरे में,नाथ हो तन मन में स्पंदन दशो दिशाएं वसुधा अम्बर, एक तू ही अखंड कलाधर तू प्रकृति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 30 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read स्वयं को जानिए सत्य का हो बोध जब हम मनुज जीवन जिएं हो अहिंसा स्वभाव में क्रोध को भी हम पिएं अपरिग्रह ब्रह्मचर्य और परस्पर सद्व्यवहार हो कर्म तुमको हो समर्पित, वाणी मधुरता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 23 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read गौरैया क्यों भूल गए मोहे मेरे भैया मैं तो तेरे आंगन की गौरैया बच्चों का मन बहलाती, इधर उधर फुर्र हो जाती बनाओ इमारत चाहे ऊंची, खिड़की एक रखो तो छोटी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 20 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read चेतावनी हिमालय की वर्षों से पुकार लगा रहा हूं वेदना सबको बता रहा हूं लेकिन मानव तू वधिर हो गया अश्रु निरंतर मैं वहा रहा हूं।। तब जाकर प्रतिकार किया मैं हिमालय बतला... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 14 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read नारी तू नारायणी नारी तू नारायणी नारी तू नारायणी ,नहीं अबला, तुम शक्ति प्रदायिनी तुम ही काली तुम कपालिनी ……………..नारी तू नारायणी गोद तुम्हारी वात्सल्य झूले, ममता तुम्हारे आंचल फूले तुमसे स्नेह पराग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 15 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read जीवन भंवर जीवन भंवर में अकेले खड़ा हूँ, राह कठिन है अकेले बढ़ा हूँ पथ ये कंटीला लेकिन चला हूँ , विश्वास हृदय लिए मैं बढ़ा हूँ न अपना कोई न कोई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 16 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read मैं मैं खोजना चाहता हूँ एक बार खुद को ही मैं पञ्च तत्व से निर्मित हूँ फिर भी जाने क्यों लगूं क्यू कभी –कभी बिखरा सा और कभी साहस का दरिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 10 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read स्मृति एक स्मृति मेरे पटल पर है , मंजरी फैली कमल पर है महक सरोवर गुनगुन गाये, प्रेम में डूबी छम छम गाये धीरे से झुकना कमर बल खाए, नदी यहीं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 15 Share Dr.Pratibha Prakash 4 May 2024 · 1 min read क्षुधा मंद मंद बयार वहे अति शीतल, खिला गगन चन्द अति सुन्दर तू कमली अपने साजन की, फिर काहे बाबरी तेरा जिय घबराए वरखा बरसे चैन न आये, वैरन रतियाँ तुम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 10 Share Dr.Pratibha Prakash 4 May 2024 · 1 min read अमूल्य अनुभूति है दुर्गम मार्ग दुर्लभ अति तू पथ को प्रशस्त कर और चल कंट रेला पथरीला मार्ग , तू चलना बस सम्भल संभल है वचन तुम्हें प्रप्ति होगी, उपलधि जिसे चाहते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 9 Share Dr.Pratibha Prakash 4 May 2024 · 1 min read दर्शन निज निकट बैठ परमेश्वर के क्या सोच रहा ये चंचल मन यही सृष्टि का कर्ता धर्ता, कर दे खुद को तू अर्पण इस ऊंच नीच से ऊपर उठकर, इस श्वेत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 11 Share Dr.Pratibha Prakash 4 May 2024 · 1 min read अलौकिक दर्शन पर्वत मध्य के ऊपर जाकर मधुर मिलन का शुभ वर्णन असंभव लगता किया किन्तु एक अलौकिक मैंने चिन्तन जल है नीला जहाँ कुमुद खिले, दृश्य ये अति मनोहर है श्वेत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · नाटक 12 Share Dr.Pratibha Prakash 4 May 2024 · 2 min read आखिर क्यों क्यों स्त्री वुद्ध नहीं हो जाती क्यों घर छोड़ते ही कुलटा कहलाती यूँ तो ज्ञान की देवी सरस्वती लेकिन ज्ञान पर अधिकार नहीं रखती यूँ तो नवरात्रि में स्त्री माँ... Hindi · कविता 12 Share Dr.Pratibha Prakash 3 May 2024 · 1 min read सुरभि का उजाला हृदय उषा का तुम संगीत हो , महकी सुबह का तुम ही गीत हो सदियों की तुम प्राचीन रीत हो , युगों युगों के तुम मन मीत हो.......... मेरी बगिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीतिका 2 14 Share Dr.Pratibha Prakash 3 May 2024 · 1 min read सूनी अँखियाँ सुनी सूनी मेरी अंखियां , रीति रीती मेरी रतियाँ देवत ताने सगरी दुनियां , सुनो पुकार अब मेरी ढोला तुम बिन फ़ीकी मेरी अंघिया ......... तुमसे सजता मेरा जीवन ,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत 1 16 Share Dr.Pratibha Prakash 3 May 2024 · 1 min read व्यथित है मन व्यथित है मन और तन,रिक्त हृदय में , तेरा चिंतन टूटी आशा, बिखरा विश्वास, सिवा तेरे कोई नहीं मेरे पास तुम हो मात्र मेरा अहसास, मेरा अनिभव और आभास देती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 15 Share Dr.Pratibha Prakash 3 May 2024 · 1 min read साथी मन मेरा एकाकी इस भीड़ युक्त दोपहरी में मन मेरा एकाकी; साथी तो जग सारा खोजूं मैं सच्चा साथी... क्रंदित हो उठा है हृदय सब में छिपी है निश्चित प्रलय... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 13 Share Dr.Pratibha Prakash 3 May 2024 · 1 min read संवेदना जगी तो संवेदना जगी तो ग्रन्थ बन गये संवेदना जगी तो सन्त बन गये | संवेदना के इर्द गिर्द सृष्टि का सृजन संवेदना के संग ही होते जीवन मरण | संवेदनाओं के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 12 Share Dr.Pratibha Prakash 3 May 2024 · 1 min read तुम बिन ... तुम साथ हो विश्वास है, तुम संग हो यही श्वांस है तुमसे मेरी लक्ष्य शोभित, तुम बिन तो सब नैराश है तुम संग हो छू लूं नभ सकल, तुम संग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत 1 14 Share Dr.Pratibha Prakash 2 May 2024 · 1 min read प्रेम सकल सृष्टि में दृष्टगोचर, अनंत और है क्षितिज तक ये प्रेम अनादि सतत शाश्वत, सनातन जगत ही प्रेम है ये प्रसन्नता का पर्याय भी, पूजा भक्ति का सार भी ये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत 2 16 Share Dr.Pratibha Prakash 2 May 2024 · 1 min read साथी इस भीड़ युक्त दोपहरी में मन मेरा एकाकी; साथी तो जग सारा खोजूं मैं सच्चा साथी… क्रंदित हो उठा है हृदय सब में छिपी है निश्चित प्रलय ; सर्वथा सर्वव्याप्त... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 16 Share Dr.Pratibha Prakash 2 May 2024 · 1 min read विश्वास आप हो सम्पूर्ण जीवन अब हवाले आपको ये तन-मन समर्पण हो सदा आपको रहे ध्यान चरणों में सदा आपके मेरी हर खुशी आनंद आप हो है बस तमन्ना कि मैं पाऊँ आपको... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 14 Share Dr.Pratibha Prakash 2 May 2024 · 1 min read मौन हृदय में कोई आहट हुई लगा कदाचित हुआ आगमन कौन कौन निरुत्तर रह गई ओह ये मौन है शब्द मूक हो गए व्याकरण शून्य रह गए अधर सिले के सिले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 16 Share Dr.Pratibha Prakash 2 May 2024 · 1 min read परम शक्ति शून्य भी मैं, शाश्वत सदा शिव और शक्ति मैं परम यत्र-तत्र-सर्वत्र व्यापक, सर्वज्ञ ब्रह्म मैं ही पार ब्रह्म भूत- वर्तमान -भविष्य भी हूँ, भाव और भक्ति भी मैं ज्ञान भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मुक्तक 2 24 Share Dr.Pratibha Prakash 2 May 2024 · 1 min read योगेश्वर शून्य प्रसून परम योगी योगेश्वर, तुम महादेवाधि ईश्वर परमेश्वर तुमसे सुशोभित भू कुल मण्डल, तुम ही नाथ अगम्य अगोचर सकल ब्रह्माण्ड तुम्हारी माया , श्वांस श्वांस समझ यही आया काला... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 11 Share Dr.Pratibha Prakash 2 May 2024 · 1 min read धर्म अर्थ काम मोक्ष आओ आज करें हम चर्चा, धर्म अर्थ मोक्ष औ काम की गहन ज्ञान का सागर है ये, परिचर्चा बहुत ही काम की कुछ भी अर्थ हीन नहीं सृष्टि में ,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 19 Share Dr.Pratibha Prakash 2 May 2024 · 1 min read संवेदनाएं संवेदना किसी भी वेदना का कारण होती हैं ये संवेदनाएं ही हैं जो निवारण भी करती हैं संवेदनाओं की अपनी होती एक निजी भाषा बिना शब्दों के आँखों में परिभाषा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 19 Share Dr.Pratibha Prakash 1 May 2024 · 1 min read सत्य न्याय प्रेम पर्याय सत्य न्याय प्रेम पर्याय जो, जो सकल सृष्टि का पालनहारा कोटि कोटि ब्रह्मांडों का स्वमी, जीव निर्जीव का सिरजनहारा सृष्टि समिष्टि रचना है जिसकी, एक ही शक्ति भवभंजनहारा कर्मशील मानव... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 17 Share Dr.Pratibha Prakash 1 May 2024 · 1 min read संवेदना जगी तो .. . .... संवेदना जगी तो ग्रन्थ बन गये संवेदना जगी तो सन्त बन गये | संवेदना के इर्द गिर्द सृष्टि का सृजन संवेदना के संग ही जीवन मरण | संवेदनाओं के कारण... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 1 71 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Apr 2024 · 1 min read इश्क इवादत रातों को नींदे जगाने लगे हो अक्सर ख्वाबों में आने लगे हो मिलता नहीं अब तकल्लुफ कहीं एक तुम ही दिल में समाने लगे हो उदू लगता है ये जमाना... Hindi · ग़ज़ल 3 1 32 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदनायें संवेदना किसी भी वेदना का कारण होती हैं ये संवेदनाएं ही हैं जो निवारण भी करती हैं संवेदनाओं की अपनी होती एक निजी भाषा बिना शब्दों के आँखों में परिभाषा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 11 199 Share Dr.Pratibha Prakash 22 Apr 2024 · 1 min read परे नाम रूप आकारा, कण कण सृष्टि में विस्तारा परे नाम रूप आकारा, कण कण सृष्टि में विस्तारा नहीं विभाजित रूपों में, सिरजन पालक स्वयं संहारा| एक रूप सर्वोच्च सदा ही, करे प्रमाणित भक्ति अपारा असंख्य ब्रह्मण्डों के स्वामी,... Hindi · कविता 2 1 23 Share Dr.Pratibha Prakash 21 Apr 2024 · 1 min read नारी तू नारायणी नारी तू नारायणी नारी तू नारायणी ,नहीं अबला तुम शक्ति सप्तशती तुम ही काली तुम कपालिनी .................नारी तू नारायणी गोद तुम्हारी वात्सल्य झूले, ममता तुम्हारे आंचल फूले तुमसे स्नेह पराग... Hindi · कविता 2 1 56 Share Dr.Pratibha Prakash 21 Apr 2024 · 1 min read संवेदनाएं संवेदनाये जगती हैं तो भावनाएं बन जाती हैं संवेदनाएं मरती हैं तो दुर्घटनाएं हो जाती है || संवेदनाओं में पिरोकर ही होता ईश का वंदन सवेनाओं में ही जागता है... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 12 249 Share Dr.Pratibha Prakash 17 Apr 2024 · 1 min read सत्य न्याय प्रेम प्रतीक जो सत्य न्याय प्रेम पर्याय जो,सकल सृष्टि का पालनहारा कोटि कोटि ब्रह्मांडों का स्वमी, जीव निर्जीव का सिरजनहारा सृष्टि समिष्टि रचना है जिसकी, एक ही शक्ति भवभंजनहारा कर्मशील मानव को बनाया,... Hindi · कविता 1 1 41 Share Dr.Pratibha Prakash 17 Apr 2024 · 1 min read नित्य प्रार्थना नित्य प्रातः हम तुम्हें पुकारें जीव निर्जीव के सिरजनहारे सकल ब्रह्मांडों के निर्माता हर प्राणी के प्राण आधारे अंश तुम्हारा मूक सभी में कर्मफलदाता आप हमारे जड़ नहीं चेतन शक्ति... Hindi · कविता 1 1 28 Share Dr.Pratibha Prakash 12 Apr 2024 · 1 min read धर्म अर्थ कम मोक्ष आओ आज करते हम चर्चा, धर्म अर्थ मोक्ष काम की गहन ज्ञान का सागर है ये, परिचर्चा बहुत ही काम की कुछ भी अर्थ हीन नहीं सृष्टि में , दोष... Hindi · कविता 4 1 73 Share Dr.Pratibha Prakash 8 Apr 2024 · 1 min read योगी शून्य प्रसून परम योगी योगेश्वर, तुम महादेवाधि ईश्वर परमेश्वर तुमसे सुशोभित भू कुल मण्डल, तुम ही नाथ अगम्य अगोचर सकल ब्रह्माण्ड तुम्हारी माया , श्वांस श्वांस समझ यही आया काला... Hindi · कविता · गीतिका 2 1 52 Share Dr.Pratibha Prakash 6 Apr 2024 · 1 min read कैलाशा तेजोमय तेजस रूप तिहारा , ओजोमय ओजस रूप तिहरा सकल ब्रह्मांडों के तुम स्वामी , श्री चरणों में प्रणाम हमारा || समस्त लोक तोहे नित ध्याएं, तेरे ही गुणों को... Hindi · कविता · गीतिका 2 1 34 Share Dr.Pratibha Prakash 2 Apr 2024 · 1 min read एकाकी इस भीड़ युक्त दोपहरी में मन मेरा एकाकी; साथी तो जग सारा खोजूं मैं सच्चा साथी... क्रंदित हो उठा है हृदय सब में छिपी है निश्चित प्रलय ; सर्वथा सर्वव्याप्त... Hindi · कविता 4 2 62 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Mar 2024 · 1 min read दिन ढले तो ढले हँसकर मिलना तुम सभी से गले अगर दिन ढलता है तो ढले ...हंसकर ... निशा है ये काली पर कट ही जाएगी मुश्किल है मंजिल मगर मिल जाएगी न हिम्मत... Hindi · गीत 3 33 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Mar 2024 · 1 min read होली पर उड़ता गुलाल, लाल, लाल अज गाल पर हंसी ठिठोली अज, होली की फुहार पर गली-गली शोर-होर, हर इक द्वार पर बाल गोपाल ग्वाल, रंगों की बौछार पर सरसों की पीत... Hindi · कविता 3 25 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Mar 2024 · 1 min read आप हो सम्पूर्ण जीवन अब हवाले आपको ये तन-मन समर्पण हो सदा आपको रहे ध्यान चरणों में सदा आपके मेरी हर खुशी आनंद आप हो है बस तमन्ना कि मैं पाऊँ आपको... Hindi · कविता 3 71 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Mar 2024 · 1 min read बाढ़ झंझावातो की बाढ़ सी आई है रुकावटों की बहार सी आई है अचानक सब रुक सा गया है चलते चलते मन थक सा गया है तकते तकते सफलता की राहें... Hindi · कविता 3 31 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Mar 2024 · 2 min read अकेले आए हम अकेले है जाना अकेले , बहकाते हैं ये दुनियाँ के मेले कुछ भी नहीं है सच्चा यहाँ , सारे ही रिश्ते हैं मिथ्या यहाँ बालू के ढेर पर... Hindi · गीत · गीतिका 3 180 Share Dr.Pratibha Prakash 22 Mar 2024 · 3 min read सत्य आराधना तुम विलय, तुम प्रलय, काल तुम महाकाल हो आदि तुम अनादि तुम, अनंत और अकाल हो शांति तुम क्षमा, क्षुधा, अखण्ड, विखंड, शंखनाद नाद अनहद परिधि क्षितिज, शून्य तुम विशाल... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 2 173 Share Dr.Pratibha Prakash 19 Mar 2024 · 1 min read सत्य कौन है वो रचा सृष्टि को जिसने, अनवरत नियमों में बांधा किसने कौन है वो क्या उसकी सच्चाई ,क्या कभी किसी को समझ है आई मनुष्य सर्वश्रेष्ठ है प्राणी, भाषा... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 58 Share Page 1 Next