Dr.Pratibha Prakash Tag: मुक्तक 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.Pratibha Prakash 7 May 2024 · 1 min read तुम कौन हो ज्ञान शक्ति और विधा, अध्यात्म का आधार हैं पूजा भक्ति पाठ ग्रंथ, हवन यज्ञ मन्त्र सूत्रधार है अंतर्मन में झांक कर, कर रहा चिन्तन सदा ही साधना के पथ पर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मुक्तक 2 56 Share Dr.Pratibha Prakash 6 May 2024 · 2 min read नाद अनहद ये नाद अनहद सुन रहा मन चिंतन को आतुर हुआ हुआ क्या है मनुज को आज काहे श्रेष्ठ चातुर हुआ पूजा अर्चन पाठ मंथन मंदिर सब ही अब बिकने लगे... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 3 45 Share Dr.Pratibha Prakash 6 May 2024 · 1 min read कल्याण जानिए स्वयं को प्राप्त कीजिए आत्म ज्ञान जो भारत की आत्मा की आधार शिला है कीजिए साधना जानिए शिव शिवत्व सत्य जो सृष्टि के अस्तित्व की आधार शिला है शिव... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 35 Share Dr.Pratibha Prakash 2 May 2024 · 1 min read परम शक्ति शून्य भी मैं, शाश्वत सदा शिव और शक्ति मैं परम यत्र-तत्र-सर्वत्र व्यापक, सर्वज्ञ ब्रह्म मैं ही पार ब्रह्म भूत- वर्तमान -भविष्य भी हूँ, भाव और भक्ति भी मैं ज्ञान भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मुक्तक 2 24 Share Dr.Pratibha Prakash 4 Aug 2016 · 1 min read हुंकार कई छिपे गद्दार कन्हैया से घर में कई ज़ाकिर कई मीर है कहीँ सत्ता लोलुप आँखों में लालच की दिखती लकीर है तक्षशिला को खो दिया कुछ जे.एन.उ.के आकाओं ने... Hindi · मुक्तक 13 1 430 Share Dr.Pratibha Prakash 1 Aug 2016 · 1 min read सबक सबक रोज ज़िन्दगी देती है हमें मिलती नहीं दोस्ती कहती है हमे जो मित्र दोस्त हमराही कहते रहे आज नज़र भर न देख पाते है हमे अनजानी सी दीवार देखती... Hindi · मुक्तक 11 432 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Jul 2016 · 1 min read हमें सबक रोज ज़िन्दगी देती है हमें मिलती नहीं दोस्ती कहती है हमे जो मित्र दोस्त हमराही कहते रहे आज नज़र भर न देख पाते है हमे अनजानी सी दीवार देखती... Hindi · मुक्तक 12 564 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jul 2016 · 1 min read तुम तुम प्रेम के मीठे अहसास में भक्ति के तुम दुरूह मार्ग में नहीं प्रयास से सकता तुमको तुम समर्पण के सरल भाव में कर्मयोगी परमहंस योगेश्वर नीति निपुण तुम सर्व... Hindi · मुक्तक 11 3 638 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jul 2016 · 1 min read दर्द मालूम है उसे कहाँ होता है वो ज़ालिम वहीँ पर चोट देता है बनके समझदार हमेशा ही करीने से मेरा दिल तोड़ देता है हंसकर फिर मुझसे वो पूछता है... Hindi · मुक्तक 11 748 Share