प्रशान्त त्रिपाठी Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रशान्त त्रिपाठी 17 Jun 2018 · 1 min read मातृ-रचना #मात्रप्रेमियों को समर्पित एक #रचना। मातृ दिवस है अभी अधूरा... घर आँगन क्यों है अभी सूना... प्रसव-वेदना सहकर ,नौ माह गर्भ में पाला... गीले में सोके खुद,सूखे में ही सुलाया...... Hindi · कविता 307 Share प्रशान्त त्रिपाठी 20 May 2018 · 1 min read चकिया-जीवन।। चकिया चलती है ऐसे। जीवन चलता है जैसे।। ऊपर नीचे चलती ऐसे। जीवन चलता है जैसे।। सुख दुःख के ये पहिये। हैं आते जाते रहते।। जीवन रूपी चक्की का मतलब... Hindi · कविता 1 405 Share