कविराज प्रांजल Tag: बाल कविता 42 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कविराज प्रांजल 2 Nov 2021 · 1 min read "दीपावली" 'दीपावली' कार्तिक अमावस की,सुनो हाल; आई दिवाली , मच गया धमाल; पटाखे फोड़ , सब करेंगे कमाल; दीपों से सब , घर खूब सजाएंगे; घर के द्वार पर , रंगोली... Hindi · कविता · बाल कविता 6 4 442 Share कविराज प्रांजल 14 Oct 2021 · 1 min read "दुर्गापूजा" "दुर्गापूजा" ********* देखो आया है, दुर्गा पूजा; धूमधाम से, इसे मनाओ; नौ दिन की होती है पूजा; सब 'जय माता दी' गाओ; मातरानी है सबको प्यारी; शेर की करती ये,... Hindi · कविता · बाल कविता 6 11 601 Share कविराज प्रांजल 3 Oct 2021 · 1 min read "जन्मदिवस" *जन्मदिवस* उम्र बढ़ी , आज फिर एक बरस; देखो,आया जो मेरा जन्मदिवस; अब हम नए ऊंचाइयों को छुएंगे, मेरे सारे अच्छे अरमान पूरे होंगे; पढ़ाई भी अब, खूब करना होगा;... Hindi · कविता · बाल कविता 7 8 551 Share कविराज प्रांजल 21 Sep 2021 · 1 min read " चाय " *चाय* ☕ चाय पियो, फुर्ती लाओ; आलस को दूर भगाओ। चाय तो आती बगान से, पीते हैं सब इसे शान से। दूध वाली या नींबू वाली, पीते सब भर-भर प्याली।... Hindi · कविता · बाल कविता 8 8 568 Share कविराज प्रांजल 20 Sep 2021 · 1 min read "तितली" *तितली* तितली की है,पंख निराली; तितली होती भोली-भाली। उड़े ये, फूलों की हर डाली; लगती खुशबू की मतवाली। बागों में यह, यों मंडराती है; जैसे,मालिन आती-जाती है। ये होती है,... Hindi · कविता · बाल कविता 7 6 611 Share कविराज प्रांजल 16 Sep 2021 · 1 min read "पतंग" *पतंग* °°°°°°° पतंग होता सदा , रंग-बिरंगी; ये होता है,बच्चों के हमसंगी। पतंग उड़ता, हवा-प्रकाश में; जो निकले , रवि आकाश में। जो खींचें रवि, पतंग की डोर; तब पतंग... Hindi · कविता · बाल कविता 8 6 754 Share कविराज प्रांजल 15 Sep 2021 · 1 min read *नींद* *नींद* °°°°°° नींद हमें , बहुत ही प्यारी; नींद में दिखे,दुनिया सारी। कुछ पढ़ते ही, नींद आती; कुछ करते ही, नींद आती। कोई, चाय पी नींद भगाते; कोई,नींद हेतु गोली... Hindi · कविता · बाल कविता 6 4 646 Share कविराज प्रांजल 12 Sep 2021 · 1 min read "मिर्ची" 'मिर्ची' ?️?️ मिर्ची होती है, लाल या हरा; स्वाद होता , तीखापन भरा; इसको खाने से, सब है डरा; तुम भी , चख लो इसे ज़रा; यह सूखी हो ,... Hindi · कविता · बाल कविता 7 10 1k Share कविराज प्रांजल 30 Aug 2021 · 1 min read "भिंडी" *भिंडी* °°°°°°°° हरा-हरा होता है हर भिंडी, पेड़ों पर खड़ा, होता भिंडी, अंगुली के समान यह दिखे, सब्जी मंडी में ये खूब बिके, मिलता कुछ, अच्छा भिंडी, कुछ होता बहुत... Hindi · कविता · बाल कविता 8 6 772 Share कविराज प्रांजल 30 Aug 2021 · 1 min read "आलू" *आलू* °°°°°°°° आलू है हर सब्जी का राजा, मत खाओ कोई इसे ज्यादा, इसका भी , बनता है भाजा; हर सब्जी में यह मिल जाए, इसके बने 'चिप्स' सब खाए,... Hindi · कविता · बाल कविता 7 6 561 Share कविराज प्रांजल 29 Aug 2021 · 1 min read "टमाटर" *टमाटर* ??? गोल-गोल होता ये अनमोल, कभी इसका रंग , हरा होता; तो कभी, हो जाता यह लाल; खेती होती, इसकी बेमिसाल; खाओ , इसकी मीठी चटनी; चाटो , इसकी... Hindi · कविता · बाल कविता 9 6 545 Share कविराज प्रांजल 22 Aug 2021 · 1 min read "रक्षा-बंधन" "रक्षा-बंधन" °°°°°°°°°°°° राखी आए,सावन जाए; हर बहना को भाई भाए, बंधी राखियां हर कलाई, सब भाई , खाए मिठाई; हर घर, खुशियां है छाई; पावन त्योहार, जो आई; बच्चे, बूढ़े... Hindi · कविता · बाल कविता 8 4 807 Share कविराज प्रांजल 21 Aug 2021 · 1 min read "गिलहरी" "गिलहरी" ?? छोटी सी होती, ये प्राणी; नाम है, इसका "गिलहरी" कुदक-फुदक कर चलती, पेड़ - पौधों की हर टहनी, पके फल, पेड़ों की खाती; सबको यह बहुत सताती; तब... Hindi · कविता · बाल कविता 8 8 557 Share कविराज प्रांजल 17 Aug 2021 · 1 min read "दही" "दही" ***** दूध ही, जब सही जमें; तब वह , दही ही बने; दही, बहुत लाभकारी; भगाए ये , कई बीमारी; इससे ही,बने दहीबाड़ा; मांगे सब,इसको दुबारा; रायता में भी... Hindi · कविता · बाल कविता 6 2 728 Share कविराज प्रांजल 15 Aug 2021 · 1 min read "15 अगस्त" 15 अगस्त ?????? तारीख पंद्रह, महीना अगस्त, रहते इस दिन, सबलोग व्यस्त। मिली स्वतंत्रता, आई खुशियां, अंग्रेजी हारी, हिंदी जीती, बच्चों में दिखे बहुत ही जोश, बड़े-बूढ़े भी हैं, आज... Hindi · कविता · बाल कविता 6 2 564 Share कविराज प्रांजल 1 Aug 2021 · 1 min read "रेलगाड़ी" "रेलगाड़ी" ******** ? कई डब्बों की , हो जो गाड़ी, कहलाती है, वो ही रेलगाड़ी, आगे लगा , एक इंजन होता, जहां बैठा, दो सज्जन होता; पटरी पर सदा दौड़े... Hindi · कविता · बाल कविता 12 10 844 Share कविराज प्रांजल 31 Jul 2021 · 1 min read " मेला " "मेला" ••••••• ? मेला की देखो, तुम भी भीड़, कोई यहां गरीब,कोई अमीर। सब यहां हैं, पर एक समान, लगे यहां, बहुत सारा दुकान। लगते हैं , सर्कस और झूले;... Hindi · कविता · बाल कविता 8 756 Share कविराज प्रांजल 30 Jul 2021 · 1 min read "बच्चे" "बच्चे" ****** हम बच्चे , सबसे अच्छे; झूठे नहीं , हम ही सच्चे; हममें ना, कोई बेईमानी, ना है , छल-कपट कभी; करते प्यार, हमसे सभी; भले हम होते थोड़े... Hindi · कविता · बाल कविता 9 8 671 Share कविराज प्रांजल 27 Jul 2021 · 1 min read "लोभी बंदर" "लोभी बंदर" *********** ? लोभी बंदर, मिले हर घर के अंदर। कुछ भी देख, ये सदा ही, ललचाए। नही मिले जो, तब बहुत छटपटाए। हक मारना, इसकी होती आदत। झक... Hindi · कविता · बाल कविता 8 4 672 Share कविराज प्रांजल 26 Jul 2021 · 1 min read *दीदी* दीदी ? 'दीदी' ,हमारी 'दीदी'; वो है , बहुत सीधी; मगर है,थोड़ी जिद्दी; करती , बहुत काम; हम भी करें, प्रणाम, पढ़ाई भी वो करती, हमसे , नही लड़ती; खाती... Hindi · कविता · बाल कविता 11 6 1k Share कविराज प्रांजल 25 Jul 2021 · 1 min read "गाँव" "गाँव" ***** गाँव को ही, ग्राम भी कहते, ग्रामीण, गाॅंव में ही तो रहते। रहता यहां , खूब हरियाली; दिखे , पहले पूरब में लाली; हवा यहां, स्वच्छ- मतवाली। मिलते... Hindi · कविता · बाल कविता 10 4 719 Share कविराज प्रांजल 24 Jul 2021 · 1 min read "पंखा" "पंखा" ****** 'पंखा' घूमे , गोल -गोल, हवा देता यह , पूरा हॉल; गर्मी , 'पंखा' दूर भगाए; फिर ये , ठंडक पहुचाये, कभी , 'छत' से ये लटके; कभी... Hindi · कविता · बाल कविता 9 2 650 Share कविराज प्रांजल 23 Jul 2021 · 1 min read * रात * "रात" °°°°°° ? जब-जब होती है , 'रात' घर पर होते , हम-सब; मम्मी-पापा के ही साथ, 'रात' को सोते, हम-सब, सुबह होती, जगते जब; मुंह धोकर , पढ़ते तब;... Hindi · कविता · बाल कविता 8 2 396 Share कविराज प्रांजल 22 Jul 2021 · 1 min read " मोर " "मोर" ***** सुबह या भोर, जब बादल हो घनघोर, जंगल में नाचे मोर, अपने पंख फैलाकर चारों ओर। खाते ये, कीट- पतंग; रहते सदा ही मतंग, जंगल में इधर उधर... Hindi · कविता · बाल कविता 12 8 541 Share कविराज प्रांजल 21 Jul 2021 · 1 min read "पढ़ाई " "पढ़ाई" ?? करो बच्चों, अब से पढ़ाई; मत करो, अब तुम लड़ाई; जीवन में, यही काम आये; जो ना पढ़े, सदा पछताए। पढ़कर बनते, हम विद्वान; आते, अपने देश के... Hindi · कविता · बाल कविता 15 8 841 Share कविराज प्रांजल 19 Jul 2021 · 1 min read "घोड़ा" "घोड़ा" ?? घोड़ा चलता सबसे आगे, मोटर से भी ये तेज भागे। हम करते, इसकी सवारी; कभी बन जाए घोड़ागाड़ी। इसकी होती, तेज रफ्तार; घोड़े से करे सब-जन प्यार। ये... Hindi · कविता · बाल कविता 11 2 897 Share कविराज प्रांजल 18 Jul 2021 · 1 min read "बकरी" "बकरी" ?? बोलो उन्चास,पचास; बकरी खाती है घास, दिन में , वह जागती; सोती है वो, हर रात; मिमियां कर करती है, वो आपस में ही बात, बकरी रहती है... Hindi · कविता · बाल कविता 9 2 679 Share कविराज प्रांजल 17 Jul 2021 · 1 min read "वृक्ष" "वृक्ष" ?? वृक्ष हमें देते, फल और छाया: होती इसकी , अनोखी काया। मुक्त करते ये, वायु प्राणरक्षी; बैठते इसपर, रंग-बिरंगे पक्षी। वृक्ष होते , बहुत ही दयावान; डालें और... Hindi · कविता · बाल कविता 9 576 Share कविराज प्रांजल 16 Jul 2021 · 1 min read " तोता " "तोता" ?? रंग इसका होता, हरा- लाल; बोली इसकी, होती कमाल। जो ये कभी सुन ले एकबार; बोले वो शब्द, सदा बारंबार। इसकी गर्दन भी होती, ढीली; चोंच होती, बहुत... Hindi · कविता · बाल कविता 11 2 593 Share कविराज प्रांजल 15 Jul 2021 · 1 min read "हल्दी-दूध" "हल्दी-दूध" ********* बोलो अब, उनासी -अस्सी; टूट गई , अबकी सब रस्सी; फिर गिर गई , बड़ा मचान; चोट लग गई , अब रवि को; बंद पड़ी सब , दवा-... Hindi · कविता · बाल कविता 8 6 590 Share कविराज प्रांजल 14 Jul 2021 · 1 min read ** कबूतर ** "कबूतर" ?️?️ अड़सठ , उनहत्तर , सत्तर ; छत पर बैठा , एक कबूतर। चुन रहा वह , अपना दाना; यही है, उसका रोज खाना। गुटर- गुटर इसकी आवाज, पता... Hindi · कविता · बाल कविता 9 2 916 Share कविराज प्रांजल 13 Jul 2021 · 1 min read ** "गर्मी" ** "गर्मी" °°°°°° गर्मी आई,गर्मी आई; देखो देखो,सब भाई; सबको बहुत सताई, रवि नही करे, पढ़ाई, मां ने तरकीब लगाई, पंखे की बटन दबाई, पंखा करे,हवा हवाई; गर्मी अब, दूर भगाई;... Hindi · कविता · बाल कविता 9 2 533 Share कविराज प्रांजल 10 Jul 2021 · 1 min read माँ ?माँ ? ********* माॅं, मॉॅं , मॉॅं, मॉॅं, मॉॅं, सबसे प्यारी, होती मॉॅं, चलना हमे सिखाती मॉॅं, घूमने हमे ले जाती मॉॅं, खाना हमे खिलाती मॉॅं, लोरी गाकर सुनाती मॉॅं,... Hindi · कविता · बाल कविता 10 6 425 Share कविराज प्रांजल 8 Jul 2021 · 1 min read "हमारा स्कूल " "हमारा स्कूल" ************ हमारा स्कूल है, सबसे प्यारा, बच्चे आते यहां, बहुत सारा। सब मिल जुलकर यहां पढ़ते, आपस में नहीं कभी,हम लड़ते। यहां लगे हैं, कई पेड़ और झूले;... Hindi · कविता · बाल कविता 9 460 Share कविराज प्रांजल 7 Jul 2021 · 1 min read "मेरे पापा" ** "मेरे पापा" ** ? ? ,* मेरे पापा, मेरे पापा; मेरे प्यारे, प्यारे पापा, मैं हूं , उनका जान, मैं उनको, करता प्रणाम, वो मुझे देते हैं, हमेशा ज्ञान,... Hindi · कविता · बाल कविता 10 2 497 Share कविराज प्रांजल 5 Jul 2021 · 1 min read "छेनापाईश" "छेनापाईश" ??? बोलो अब बीस,इक्कीस,बाईस; हम सब खाते, खूब छेनापाईस। छेनापाईस में, नही होता आईस; सब करे सदा, इसकी फरमाईश। छेनापाईश है, एक अच्छी मिठाई; जिसे मिला,उसी ने इसे खूब... Hindi · कविता · बाल कविता 8 2 518 Share कविराज प्रांजल 4 Jul 2021 · 1 min read "पैसा" *पैसा* ?? पैसा होता, सबके लिए जरूरी; पैसा कमाना, सबकी मजबूरी। मेहनत करने से ही, मिलता पैसा; इसके लोभ में मत कर, ऐसा-वैसा। पैसा किसी का, होता नही अपना; पर,... Hindi · कविता · बाल कविता 7 4 475 Share कविराज प्रांजल 3 Jul 2021 · 1 min read *आठ,नौ, दस* आठ,नौ, दस ********** बोलो अब, आठ, नौ, दस; लड़ना-झगड़ना, करो बस। पढ़ाई में रहो, सदा व्यस्त; सबको कर दो, तुम पस्त। कभी मत करो,समय नष्ट; फिर न होगा, कभी कष्ट।... Hindi · कविता · बाल कविता 8 6 721 Share कविराज प्रांजल 2 Jul 2021 · 1 min read ***घड़ी*** "घड़ी"? देखो, ये है एक घड़ी मतवाली; समय की सदा करती रखवाली। कभी रहती ये हाथों में बंधी पड़ी, तो कभी, यों ही टेबल पर खड़ी। कभी टंगी रहती, किसी... Hindi · कविता · बाल कविता 8 2 889 Share कविराज प्रांजल 1 Jul 2021 · 1 min read **सीताराम** "सीताराम" ? ? फलों का राजा होता आम, रामायण में होते "सीताराम"। "प्रांजल" है मेरा असली नाम, सदा ही,बड़ो को करें प्रणाम। कुछ लोग करते बहुत काम, सूरज ढलने पर... Hindi · कविता · बाल कविता 9 6 512 Share कविराज प्रांजल 30 Jun 2021 · 1 min read "नहीं मानुंगा किसी से हार" "नहीं मानुंगा किसी से हार" ********************** बोलो अब एक दो तीन चार, मैं खुद कर लूंगा ब्रिज पार, नही मानूंगा किसी से हार, मम्मी पापा मुझे करते प्यार, मेरे भाई... Hindi · कविता · बाल कविता 15 17 846 Share कविराज प्रांजल 29 Jun 2021 · 1 min read "रवि" "रवि" रवि को बहुत पसंद है पान, सामने ही थी पान की दुकान। उसके पापा हैं,उसकी शान, प्यारी मम्मी है, उसकी जान। रोज करता है वो बहुत काम, बड़ों को... Hindi · कविता · बाल कविता 14 22 955 Share