सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 6 Jan 2021 · 1 min read दोहरा चरित्र छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं । वह सुबह से राष्ट्र हित के, गीत सरगम गा रहे हैं । जातियाँ उन्माद भारत ,धर्म पथ आतंक अब... Hindi · मुक्तक 3 2 541 Share