प्रकाश यादव निर्भीक 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रकाश यादव निर्भीक 27 Jun 2016 · 1 min read -:मेरे जज़्बात:- मत बांधो मुझे शब्दों में बिखर जाने दो मेरे अरमानों के तरुण पत्तियों को कोमल टहनियों से ! मत रोको कभी मेरी बहती धारा को किसी दरिया में बहने दो... Hindi · कविता 486 Share प्रकाश यादव निर्भीक 5 Jun 2016 · 1 min read -:मिलन की आहट:- मेघा आज सफ़ेद लिबास में चाँद को लपेटकर अभी अभी शाम को अनंत अंबर में लेकर आई है कितनी प्यारी लगती है चारों तरफ से घिरे काले बादलों के बीच... Hindi · कविता 738 Share