Prakash Chandra Tag: कुण्डलिया 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Prakash Chandra 11 Jul 2023 · 1 min read साँप और इंसान साँप और इंसान साँपों की बस्ती में देखा, नाग विषैले भाग रहे । घुस आया इंसान एक, सब डर के मारे जाग रहे । । डरता ना इंसान, साँप अब... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया · दोहा 2 395 Share Prakash Chandra 18 May 2023 · 1 min read लेखनी 25. लेखनी मुझे नहीं मालूम लेखनी लिखती है , पावक है या धूम लेखनी लिखती है । जीवन का अवसाद लेखनी लिखती है , मॉ का आशीर्वाद लेखनी लिखती है... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया · मुक्तक 1 292 Share Prakash Chandra 18 May 2023 · 1 min read जीवन दर्शन 24. जीवन-दर्शन गलियों के नुक्कड़ में , आँधी के छप्पर में , ऊसर की खेती में , मरुधर की रेती में , जीवन का दर्शन है । शहरी फुटपाथों में... Poetry Writing Challenge · कविता · कुण्डलिया 1 230 Share Prakash Chandra 16 May 2023 · 1 min read सॉप और इंसान 11. सॉप और इंसान सॉपों की बस्ती में देखा, नाग विषैले भाग रहे । घुस आया इंसान एक सब डर के मारे जाग रहे ।। डरता ना इंसान सॉप अब... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 1 204 Share