Pradyumna Tag: ग़ज़ल/गीतिका 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pradyumna 14 Jun 2019 · 1 min read क्यूँ? मिलना नही तो ख्वाब मे आना क्यूँ? बेदाग चेहरे को इतना छुपाना क्यूँ ? जल रहा है पूरा शहर उस आग से, अपना भी ना बचा तो पछताना क्यूँ ?... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 446 Share Pradyumna 6 Apr 2018 · 1 min read क्यूं कभी कभी तुम खो क्यूं जाते हो? बीज दर्द के यहा बो क्यूं जाते हो? समझते नही मेरे दिल का हाल चुपके से मुझमे रो क्यूं जाते हो? छेड़कर यादों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 326 Share Pradyumna 6 Apr 2018 · 1 min read ख्वाबो मे पाता था उन खिड़कियों को देख कर तड़प उठता हूं, जिनसे तुम्हारे झाकने की झलक पाता था। तुम राग थी अब रोग हो इस सूने आंगन की, तेरी जुल्फों में मेरा सर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 452 Share Pradyumna 27 Mar 2018 · 1 min read अक्षर-अक्षर टूट चुका है अक्षर-अक्षर टूट चुका है शब्दों की इस डोरी से। प्रेम के बंधन ढीले पड़ गए आंसू बहते, चोरी से । टूट टूट कर बिखरे मन में चुभने लगे हैं खंजर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 323 Share Pradyumna 25 Mar 2018 · 1 min read शहर उसका, पता उसका तेरे इतना ही पता है मुझे उसके शहर का सुना है दूर कहीं है , आशियाना उसका। बहुत सर्द थी हवाएं जब मिले थे उस बार अब तो याद है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 525 Share