प्रदीप माहिर Tag: ग़ज़ल/गीतिका 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रदीप माहिर 12 Jun 2021 · 1 min read ये ज़माना हवा-हवा सा है ये ज़माना हवा-हवा सा है, दिल मेरा भी बुझा-बुझा सा है। हुस्न भी अब उदास बैठा है, इश्क़ भी कुछ थका-थका सा है। दिल उसी पर न क्यों यक़ीन करे,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 277 Share