प्रदीप माहिर 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रदीप माहिर 25 Oct 2023 · 1 min read ग़ज़ल कौन किसको क़रीब रक्खेगा इसका लेखा नसीब रक्खेगा मुझको मिस्ल-ए-हबीब रक्खेगा तुझसे बेहतर रक़ीब रक्खेगा लोग अपने ही ग़म से हैं आजिज़ कौन सर पे सलीब रक्खेगा नेकियाँ कितनी कौन... Hindi · ग़ज़ल 153 Share प्रदीप माहिर 25 Oct 2023 · 1 min read जब फ़ज़ाओं में कोई ग़म घोलता है जब फ़ज़ाओं में कोई ग़म घोलता है तब क़लम से इक सुख़नवर बोलता है आह से डरिये किसी मज़लूम की आह से तो तख़्त-ए-हाकिम डोलता है -प्रदीप माहिर रामपुर उ0... Quote Writer 183 Share प्रदीप माहिर 25 Oct 2023 · 1 min read (ग़ज़ल) तेरा साथ ही जब मयस्सर नहीं तेरा साथ ही जब मयस्सर नहीं ये मुक़द्दर तो कोई मुक़द्दर नहीं हर किसी को यहाँ बस यही रंज है पाँव जितने मेरे उतनी चादर नहीं कैसे हासिल सभी को... Hindi · ग़ज़ल 200 Share प्रदीप माहिर 14 Jun 2021 · 1 min read नारी नारी जननी देव की, औ पालक अवतार। नारी पुजती है जहाँ, ईश्वर करे विहार।। ईश्वर करे विहार, जहाँ अपमानित होती। अश्रु बहाते देव, वहाँ मानवता रोती।। कह प्रदीप कविराय, सकल... Hindi · कुण्डलिया 3 2 356 Share प्रदीप माहिर 12 Jun 2021 · 1 min read ये ज़माना हवा-हवा सा है ये ज़माना हवा-हवा सा है, दिल मेरा भी बुझा-बुझा सा है। हुस्न भी अब उदास बैठा है, इश्क़ भी कुछ थका-थका सा है। दिल उसी पर न क्यों यक़ीन करे,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 276 Share