प्रदीप कुमार गुप्ता Tag: Kavita 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रदीप कुमार गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन के वो दिन वो दिन भी क्या दिन थे, जब धूप हमें छाँव लगती थी । खाली पेट भी जो होते हम, तब भी हमें फुर्ती लगती थी । बचपन के वो दिन... Poetry Writing Challenge-2 · Kavita 1 52 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 15 Jul 2023 · 1 min read फितरत के रंग फितरत के हैं रंग कई, कुछ गाढ़े कुछ फीके। ये तो साथ जनम से है, इसको कोई न सीखे। भीतर मन के घुसी हुई, फितरत की ये काया। कोई समझ... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · Kavita 6 2 200 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 1 Jun 2023 · 1 min read टूटे दिल की बात दिन तो बहुत हो गए उस दिन को, पर याद तो होगा ही तुम्हे वो हसीं पल, कही थी जब बात मैंने अपने दिल की, सुनकर हुई होगी तेरे दिल... Poetry Writing Challenge · Kavita 2 1 477 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 1 Jun 2023 · 1 min read रात के मुसाफिर रात के मुसाफिर, दिन में कहाँ जायेंगे। जो निकले वो घर से, तो धूप में जल जायेंगे। रात के मुसाफिर, दिन में कहाँ जायेंगे। ये गर्मी की तपिश, सुर्ख हवाओं... Poetry Writing Challenge · Kavita 148 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 30 May 2023 · 1 min read जाना खाली हाँथ है इस जीवन का अंत तो, एक दिन हो जाना है। कितना भी हो सुख या दुःख, सब छूट इधर ही जाना है। जो तुम बहुत सुखी हो तो, याद हमेशा... Poetry Writing Challenge · Kavita 330 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 30 May 2023 · 1 min read आज की पीढ़ी इस नए युग की पीढ़ी को, मै देख बहुत हूँ चिंतित। भ्रम नगरी में पलते ये सब, सत्य भान नहीं किंचित। यूट्यूब ट्विटर फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिक टॉक। डूबे रहते... Poetry Writing Challenge · Kavita 1 307 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 28 May 2023 · 1 min read मैंने कुछ सीखा उन कठिन दिनों में मैंने, इस जीवन से कुछ सीखा । रुकी थी जब सारी दुनिया, लोगों को घरो में कैद देखा । दिलो में था डर और लाचारी, विश्व... Poetry Writing Challenge · Kavita 1 84 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 27 May 2023 · 2 min read राहु और केतु रत्न जड़ित सोने सी काया, रूप वो ऐसा सबको भाया। आसमान से उतरी थी वो, सत्य नहीं वो कोरी माया। सम्मोहन में बंधे थे सारे, देव और दानव सभी निहारें।... Poetry Writing Challenge · Kavita 1 287 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 22 May 2023 · 1 min read धर्म की राजनीती धर्म का कांटा किसको तोले, जो भी बोले नफरत घोले । सब बन बैठे उसके ठेकेदार, उससे नहीं किसी को प्यार । वर्चस्व का ये खेल पुराना, खून खराबे का... Poetry Writing Challenge · Kavita 2 56 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 22 May 2023 · 1 min read हँसते चेहरे निकले थे घूमने, हम सफर लम्बा, तय करके थके हारे, जो पहुंचे मुकाम पर। लटके हुए चेहरे और, झुके कंधे लेकर। पर जैसे ही तस्वीर, लेने की बारी आयी। चेहरे... Poetry Writing Challenge · Kavita 2 61 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 21 May 2023 · 1 min read हमारे रिश्ते में ये दरार जो आयी है हमारे रिश्ते में, ये दरार जो आयी है। छोटी नहीं ये तो, बड़ी गहरी खाई है। सोंचा न था, बात इतनी बिगड़ जाएगी हम दोनों के दरमियाँ, दूरियां लाएगी। गलतफहमियों... Poetry Writing Challenge · Kavita 3 191 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 18 May 2023 · 1 min read एक दोस्त है हमारा एक दोस्त है हमारा, लगता है बहुत प्यारा । जब भी मैं लड़खड़ाई, उसने दिया सहारा । एक दोस्त है हमारा, लगता है बहुत प्यारा । करता है फ़िक्र मेरी,... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · Kavita 3 124 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 18 May 2023 · 2 min read किसी तो किनारे से चलना पड़ेगा किसी तो किनारे से चलना पड़ेगा किसी के सहारे से बढ़ना पड़ेगा। ये लम्बा सफर है गमे जिंदगी का, तुम चाहो न चाहो मानो न मानो, गिरो लड़खड़ाओ उठो डगमगाओ,... Poetry Writing Challenge · Kavita 2 113 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 18 May 2023 · 1 min read कुछ न कुछ तो मिल जायेगा कुछ न कुछ तो मिल जायेगा, हम प्रयास जो कर लें थोड़ा। आम कंहा से तुम खाओगे, जो तुमने उसको न तोडा। पैदा होकर खड़ा हुआ वो, फिर हर दिन... Poetry Writing Challenge · Kavita 2 178 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 17 May 2023 · 1 min read लिखता रहा मिटाता रहा लिखता रहा मिटाता रहा, मन में ही गुनगुनाता रहा। कह न पाया बात दिल की, बस सोंच ये पछताता रहा। दिल की बात जुबां तक न आयी, बस ख्याल दिल... Poetry Writing Challenge · Kavita 2 290 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 17 May 2023 · 1 min read आसां नहीं होता कोई भी मुकाम आसां नहीं होता कोई भी मुकाम, बड़ा या छोटा नहीं होता कोई भी काम। जो हौसला बुलंद हो तो मिल जाती है मंजिल, फिट क्यों न चलना पड़े सुबह और... Poetry Writing Challenge · Kavita 2 207 Share