*प्रणय* Tag: वोकल फ़ॉर लोकल 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid *प्रणय* 2 Nov 2024 · 1 min read #लघुकविता- #लघुकविता- ■ आप ख़ुद सोचिए। [प्रणय प्रभात] "मन रहे स्वदेशी का प्रेमी ना वस्तु विदेशी पर बहके, अपनी मिट्टी का सौंधापन हर बार दिवाली पर महके। अपना आंगन अपनी क्यारी,... Hindi · प्रणय की कविता · वोकल फ़ॉर लोकल 1 33 Share