*प्रणय* Tag: गंदी राजनीति 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid *प्रणय* 25 Oct 2024 · 1 min read #मुक्तक- #मुक्तक- ■ मौजूदा राजनीति। [प्रणय प्रभात] मामूली मत समझो इस को याद रखो, नासूरी बनते घातक छाले सी है। कभी सियासत इक गहरे दरिया सी थी, वही सियासत अब उथले... Hindi · गंदी राजनीति · प्रणय के मुक्तक · सियासत 1 39 Share