Abhishek prabal Tag: कविता 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Abhishek prabal 10 Sep 2022 · 1 min read चाँद और जुगनू आसमाँ की चाह में मैंने चाँद को बदलते देखा है चाँद के चमक में मैंने जुगनू को ठिठुलते देखा है शहर की चांदनी में चाकोरों के घर को मैंने पिघलते... Hindi · Chaand · Love · Poetry · कविता · शेर 1 307 Share Abhishek prabal 2 Aug 2022 · 1 min read भोला व नील कंठ तुम शिव को पूजो मैं नीलकंठ तुम मंदिर में ढूढ़ मैं अमरकंट शिव विषधारी - नीलकंठ शिव कल्याणकारी - भोला नीलकंठ - त्याग का प्रतीक भोला - वरदान का प्रतीक... Hindi · Lord Shiv Bhajan · Shiva · कविता 221 Share Abhishek prabal 29 Jun 2022 · 1 min read बुरा वक्त और मनुष्य पत्थर मिलेंगे राहों में चप्पल न होंगे पाँव में छांले फूटेंगे रातो में मरहम न होगा हाथों में भौरे भी तुझे सिखाएंगे तरकश सी बात बनाएंगे तू टूटेगा, सब छूटेगा... Hindi · Hindi Poem · Life · Motivational · कविता · कोटेशन 237 Share Abhishek prabal 9 May 2021 · 1 min read माँ इक जहां कई जुबानी इक किरदार कई कहानी इक ही रक्षक इक गुरु इक ही दोस्त इक गुरुर इक माँ =कई किरदार Hindi · कविता 1 354 Share Abhishek prabal 15 Apr 2021 · 1 min read क्या जरूरी था क्या जाना जरूरी था, गए तो ठीक क्या बताना जरूरी था संभाल लेता यूँ खुद को गुमनाम करके क्या मोहब्बत में आना जरूरी था छोटी-छोटी बातों को तुम जरिया बना... Hindi · कविता 3 1 299 Share Abhishek prabal 8 Apr 2021 · 1 min read वो तुम थी आँशिया छोड़ दे गुमनामी का देख मकाँ तेरा तबाह हो रहा, लौट जा घर को बशिंदे इश्क नहीं, अब ये, गुनाह हो रहा है, कह दो जला दे यादें मेंरी,... Hindi · कविता 419 Share Abhishek prabal 15 Jan 2019 · 1 min read संगिनी भाग 1 हो शांत दीप के ज्वालो सी हो गुल गुलजार ख्यालो सी, हो तुष्टि स्नेह निवालो सी ऐसे कुछ ऊंचे ख्वाब नहीं, हो हँसी चमकता चेहरा गलबन्द का रंग सुनहरा सिर... Hindi · कविता 1 456 Share Abhishek prabal 23 Sep 2018 · 1 min read * ??आजाद भारत ?? * चित्त -मन अधीन हैं पर आज हम स्वाधीन हैं जनमत में षड़यंत्र है पर देश लोकतंत्र है पर कैसे ? रोजगार की होड़ से ! या पेट की मरोड़ से... Hindi · कविता 1 308 Share Abhishek prabal 20 Sep 2018 · 1 min read *मानुस-मन* मानस वन की उक्ति 'प्रबल' नर वहीं पर नजरिया बदल, कुछ दिन, कुछ छड़ या कुछ पल नर वही पर नजरिया बदल, अपने हित पर निति सबल पर गैरों पर... Hindi · कविता 1 427 Share Abhishek prabal 19 Sep 2018 · 1 min read * दोस्ती * मैं पाखी आकाश का तू पाखी की डोर, मैं प्यासा चातक प्रेम का तू स्वाति घनघोर, मैं तारक तम भोर का तू विद् -प्रकाश की कोर, मै सुदामा इस कलयुग... Hindi · कविता 3 332 Share Abhishek prabal 19 Sep 2018 · 1 min read दिल और धड़कन आज दिल की 'प्रबल'तरंगे उठ रही तूफान सी, आज उन रिश्तों के ऊपर हरकते अनजान सी दिल की धड़कन भी पिरोती गुत्थियां श्मशान सी आज दिल की ''प्रबल' तरंगे उठ... Hindi · कविता 1 385 Share