Sagar Yadav Zakhmi Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sagar Yadav Zakhmi 16 Sep 2024 · 1 min read माँ की पीड़ा माता कुंती आई कर्ण के पास, हृदय में छिपाए अगणित एहसास। सूर्यपुत्र को पहचान बताने आई, ममता की मूक पुकार सुनाने आई। कुंती बोली, "हे वीर कर्ण सुन, मेरी ही... Hindi · कविता 85 Share Sagar Yadav Zakhmi 16 Apr 2024 · 1 min read सिर्फ तुम्हारे हो जाएँ चाँदनी रात में ख्वाब सा मिलन, तेरी मेरी बात में, रहे ना कोई छिलन। तेरे आने से जीवन में, खिले हैं फूल बहार, तेरी सांसों की खुशबू से, महका हर... Hindi · कविता 117 Share Sagar Yadav Zakhmi 15 Apr 2024 · 1 min read पति की विवशता दो धरोहरों के बीच में, खड़ा हूँ मैं अकेला, माँ-बाप की छाया में, बीता बचपन का मेला। अब जीवन की राह में, संगिनी है मेरी प्यारी, दोनों को खुश रखने... Hindi · कविता 63 Share