पवन कुमार मिश्र 'अभिकर्ष ' Tag: कविता 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पवन कुमार मिश्र 'अभिकर्ष ' 5 Mar 2019 · 1 min read भारतीय सैनिक तु स्थिर है समंदर सा, तु खड़ा है पहाडो़ सा, तु टिका है चट्टानो सा, तु हुंकार है महाकाल का | तु भरा है भावो से, तु लड़ा है अभावो... Hindi · कविता 1 487 Share पवन कुमार मिश्र 'अभिकर्ष ' 10 Feb 2019 · 1 min read माँं शारदे माँ भारती,माँ शारदे ! इतनी कृपा तु करदे, मेरी मानसपटल को, देदीप्यमान तु करदे ! सकल जग समृद्ध कर, नव-ज्ञान का अमृत भर, तन-मन सुरभित कर, सुषुप्त मन-मस्तिष्क में नव-चेतना... Hindi · कविता 302 Share पवन कुमार मिश्र 'अभिकर्ष ' 27 Dec 2018 · 1 min read शीतलहर धूप में भी कहर देखो, पूस का शीतलहर देखो | माघ अभी बाकी है, घाघ अभी बाकी है | शीतलहरों का , बाघ अभी बाकी है | सुबह होती अंगड़ाईयों... Hindi · कविता 454 Share पवन कुमार मिश्र 'अभिकर्ष ' 11 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ तो माँ होती है | माँ की ममता अनमोल होती है | जब हमारा अस्तित्व भी नहीं होती धरा में, तब से वो हमें पहचानती है | गर्भस्थ से... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 56 552 Share पवन कुमार मिश्र 'अभिकर्ष ' 14 Sep 2018 · 1 min read 'फेसबुक-मित्र' आज मैं बताता हूँ 'फेसबुक' में मित्र के प्रकार, पहला नम्बर में ऐसे मित्र हैं,जो पोस्ट को, देखते बार-बार पर, न लाइक करते,न कमेंट एकबार | इसके बाद आता,नम्बर उन... Hindi · कविता 1 363 Share पवन कुमार मिश्र 'अभिकर्ष ' 30 Aug 2018 · 1 min read 'विरोध ' विरोध लाजिमी है | समाज का हो,या सत्ता का हो, वेतन का हो, या महंगाईभत्ता का हो, पुराना पेंशन का हो,या नयापेंशन का हो, हर जगह परेशान आदमी है |... Hindi · कविता 1 351 Share पवन कुमार मिश्र 'अभिकर्ष ' 26 Aug 2018 · 1 min read 'रक्षा-बंधन' भाई-बहन की परिष्कृत प्रेम की गाथा ले आता है, जब-जब रक्षा-बंधन का त्यौहार आ जाता है | वो आंगन में खेलना साथ-साथ, कभी तु-तु,मै-मै, कभी झगड़ना प्यार से, कभी शिकायत... Hindi · कविता 1 273 Share पवन कुमार मिश्र 'अभिकर्ष ' 22 Aug 2018 · 1 min read 'व्यंग्य नेताओं पर ' बहुत हुआ अब व्यंग्य नेताओं पर, अब व्यंग्य नीज पर होनी चाहिए | जिस लोकतंत्र में, मालिक जनता हैं, उसमें भ्रष्ट कैसे? नेता हैं | छोड़कर उछालना किचड़ नेताओं पर,... Hindi · कविता 1 624 Share