Mukund Patil 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mukund Patil 26 May 2024 · 1 min read कर्म का निवेश जमीन मे किया जाता है जैसे बिजारोपण. उसी नुसार होता है उसका फल निर्धारण. कर्म की भी कुछ ऐसी ही है गती. जैसे होते है कर्म वैसी ही होती है... Poetry Writing Challenge-3 70 Share Mukund Patil 26 May 2024 · 1 min read मंथन मंथन एक प्रक्रिया है कारगर. जिससे निकलती है अच्छाई ही उत्तरोत्तर. मंथन से निकलता है पहले गरल. अंत मे निकलता है अमृत तरल. हर चीज मे छुपे होते है अच्छे... Poetry Writing Challenge-3 66 Share Mukund Patil 26 May 2024 · 1 min read लहूलुहान धरती लहू लुहान हो रही है धरती रंगा खून से है ये अंबर. देख अपनी दुनिया का मंजर दहेल गया वो अंदर ही अंदर / घृ/ . उसने बनाया जब इंसान,... Poetry Writing Challenge-3 1 71 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 2 min read शहीदो की पुकार स्वर्ग मे हुआ एक दिन एक अचम्भा. बुलाई गई सारे शहीदों की सभा. इंद्रदेव थे अपने असन पर स्थानपन्न. शहीदो का हो रहा था वहा आगमन. मुछोपर ताव देते चंद्रशेखर... Poetry Writing Challenge-3 1 81 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read कलियुगी महाभारत आज भी दोहराई जाती है घर घर मे महाभारत की कहानी. जिसमे होते है पात्र दुर्योधन और शकुनी. धृतराष्ट्र की भी होती है उन कहानीयोमे भरमार. जिनकी होती है अंधी... Poetry Writing Challenge-3 1 97 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read इम्तिहान लगने लगा है अब मुझे की तुझे हो गया है मुगालता. इसलिये तूने मुझपर लगा रखा है आफतो का ताता. इन आफतो से मै अब हो गया हूं बेजार. लेकिन... Poetry Writing Challenge-3 1 56 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read मेरे हमराज ऐ मेरे मेहरबानो शुक्रिया तुम्हारा. जो तुमने रखा इतना खयाल हमारा. तुम अगर उजागर ना करते मेरी कमजोरी. तू शायद बढते ही जाती मेरी मगरुरी. तुमने घावो से किया मेरा... Poetry Writing Challenge-3 1 72 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read अकल की दुकान उन्होने सोचा एक दिन की वो तो है अकल की खदान. फिर क्यू ना खोली जाये एक अकल की दुकान. बात उनके भेजे मे ऐसे ये समाई. की ठाणली उन्होने... Poetry Writing Challenge-3 1 62 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 2 min read कमिशन एक भक्त को हुई संसार से विरक्ती. करने की ठाणे भगवान की भक्ती. भक्ती मे उसने अभी लगाया ही था मन. ते तत्काल हुआ वहा एक देव का आगमन. भक्त... Poetry Writing Challenge-3 1 73 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read अकल का खाता निकाल निकाल के बाल की खाल. हाल को किया उन्होने कंगाल. चुन चुन कर जमा की अकल. दुनिया को कंगाल खंगाल. जमा किया उन्होने अकल का बडा सा भंडार. इसलिये... Poetry Writing Challenge-3 1 62 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read माती का पुतला मतकर इंसा गुमान इतना तू है माती का एक पुतला. क्या है तेरी हस्ती तू तो पानी का एक बुलबुला // घृ // . पल दो पल की जिंदगी मे... Poetry Writing Challenge-3 1 51 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read कफन नीतिमत्ता और नैतिकता आदर्श और आदर्शिता. है किस्से कहानी तक सिमित इनकी उपयोगीता. प्रत्यक्ष जीवन मे नही है इनका काम. गर किया उपयोग तो हो जाओगे बदनाम. मत रखो नैतिकता.... Poetry Writing Challenge-3 1 61 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read भ्रम बगर तेरी इजाजत के हिलता नही है पत्ता. सारे चराचर पे चलती है तेरी ही सत्ता. ग्रंथ और पुराणुका भी यही है वचन. ऋषीमुनी और पैगंबरोने भी यही किया है... Poetry Writing Challenge-3 1 53 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read अजब तेरी दुनिया अजब तेरी दुनिया भगवान ऐसी रे कैसी. चोर छोड संन्यासी को होती है फासी. भ्रष्ट होकर भ्रष्टाचारी होता है मालामाल. निस्वार्थ दिखा कर गरीब बेचारा होता है लाचार. स्वार्थी बनकर... Poetry Writing Challenge-3 2 71 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read नयनो का महिमा नयनो का महिमा है अपरंपार. होते है उन में नाना अविष्कार. कभी फुलता है उनमे अंगार.. तो कभी दिखता है जहर अपार. कभी दिखती है उनमे प्रेम की भावना. तो... Poetry Writing Challenge-3 1 63 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read घायल इन्सान मेरे अंदर भी बसता था कभी एक इन्सान. लेकिन अब मैने पहुचा दिया है उसे स्मशान. अपनो ने की है मेरी इतनी अब तक अवहेलना. के दानव बनकर चाहता हु... Poetry Writing Challenge-3 1 79 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read बलिराजा बलिराजा रे आत्महत्या का नही तेरा ये रास्ता. तेरा जीवन है समरंगण कठीणाईयो से है तेरा वास्ता. क्यू होता हैरान तू क्यों होता है परेशान. अपरिमित है तेरी शक्ती तू... Poetry Writing Challenge-3 1 43 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read सेवा का महिमा सेवा का महिमा परंपार,, धनसंपत्ती हे गौण. प्रकाश है मुल हेतू रवी का, उच्च स्थल महत्त्वहीन. प्रकाश फैला तिमिर मे तू मत रख उच्चस्थल की आस. धनसंपत्ती की मत कर... Poetry Writing Challenge-3 1 37 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read विकृती समाज मे स्थित विकृती का करना चाहिये दहन. लेकिन समाज ही करता है उसका जानबूज कर जतन. जतन करणे से बढता है विकृति का बल. और उससे निर्माण होता है... Poetry Writing Challenge-3 1 55 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read काटे मत बिछाओ किसी के रास्ते पे काटे. ऊन रास्तो के अनगिनत होते है फाटे. क्यूकी उन रास्तो से तुम्हारा भी पड सकता है वास्ता. हो सकता है तब तुम्हारी हालत... Poetry Writing Challenge-3 58 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read रास्ता पेरो से चलना है या रास्ते से. इसका खुद ही करना चाहिए फैसला. क्यूकी रास्ते पर चलने का हमारा अपना ही लगता है हौसला. रास्ते की मंजिल का कोई निश्चित... Poetry Writing Challenge-3 1 70 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read विकास या खच्चीकरण एक समाज का जब किया जाता है उद्धार. तो दुसरे समाज को किया जाता है निराधार. एक समाजका किया जाता है जब उदात्ती करण. तब दुसरे समाजका किया जाता है... Poetry Writing Challenge-3 1 35 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read शेखचिल्ली हर किसी के मन मे बसा होता है एक शेखचिल्ली. नही नही,हर इन्सान मुलत: होता है एक शेखचिल्ली. स्वप्न तो देखता है हमेशा हर एक इन्सान . पर उनमे से... Poetry Writing Challenge-3 1 45 Share Mukund Patil 25 May 2024 · 1 min read चिंगारी छोटी सी एक चिनगारी बन जाती है शोला.. एक एक इन्सा का जमघट बन जाता है मेला. छोटेसे एक बीज से बन जाता है वृक्ष विशाल. छोटी छोटी चीजो से... Poetry Writing Challenge-3 36 Share Mukund Patil 14 May 2024 · 3 min read देर मी ही अंधेर सब कहते है तेरे दरबार में होती है देर, लेकिन कभी होती नहीं अंधेर. लेकिन भगवान तू करता ही क्यू है इतने देर. क्या तेरी इस देर मे ही छुपी... Poetry Writing Challenge-3 37 Share