Parvat Singh Rajput Tag: Poetry Poetrycommunity 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Parvat Singh Rajput 5 Mar 2023 · 1 min read वो एक विभा.. उन्मुक्त चांदनी सी हसमुख है जग में उसकी अलग प्रभा वो एक विभा! तुम निष्कलंक, निष्कंटक सी निर्मल नदियों की धारा हो, जिससे हो सारा जग गुंजित वो वीणा की... Hindi · Poetry Poetrycommunity · कविता 2 302 Share