Pankaj Bindas Language: Hindi 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pankaj Bindas 7 Sep 2024 · 1 min read ग्यारह होना दुःख मे एक-एक ग्यारह होना कभी न नौ दो ग्यारह होना। शून्य एक को लाख करे, तुम ग्यारह ग्यारह ग्यारह होना। ब्रह्मा, विष्णु, महेश एक हैं जैसे एक सौ ग्यारह... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 43 Share Pankaj Bindas 23 Aug 2024 · 1 min read पंकज बिंदास कविता मेरा आज मेरा कल बनाएगा इसीलिए पढ़ो इसीलिए गढ़ो इसीलिए उठो बीज सा फूटो जर्जर हो टूटो स्वयं से रूठो स्वयं से पूछो मेरा दिन आखिर कब आएगा मेरा आज... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 1 68 Share Pankaj Bindas 17 Aug 2024 · 1 min read श्री राम का भ्रातृत्व प्रेम बालकाल में एक बार भरत जी दौड़े-दौड़े माता कौशल्या की गोदी में जा बैठे, महल में तीनों रानियों संग महाराज दशरथ भी विराजमान थे, वात्सल्य प्रेम से ओतप्रोत माता कौशल्या... Hindi 77 Share Pankaj Bindas 9 Aug 2024 · 1 min read एक बार होता है बार बार नही इजहार एक बार होता है ज़िंदगी मे भी बस प्यार एक बार होता है. कुछ लोग गिनाते अपनी ढेर सारी मुहब्बतें पर वो वाला प्यार यार एक... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 1 77 Share Pankaj Bindas 2 Aug 2024 · 1 min read सावन गीत सावन की रिमझिम बारिश में नाचे मेरा तन- मन- मोर। मेघ- वेग से नभ आच्छादित वन में बेमन डाल चकोर तभी अचानक मेघ गगन से छँटे सो विधु दिखा हँसे... Hindi · कविता · गीत · प्रकृति · सावन 1 59 Share Pankaj Bindas 26 Jul 2024 · 1 min read सोशल मीडिया फेसबुक की गलियों में वट्सऐप के बाजार में स्टेटस, रील्स की दुकानों पर इतनी चकाचौंध है कि दृष्टि पर्याप्त नहीं अंतर्दृष्टि से चलना होगा जैसे हमारी दृष्टि नहीं देख सकती... Hindi · Facebook · Social Poetry · Status · कविता 1 52 Share Pankaj Bindas 19 Jul 2024 · 2 min read *कक्षा पांचवीं (संस्मरण)* हमारी आज की यथार्थता की कल्पना दस साल पहले किसी ने न की होगी;कौन क्या करेगा, कहाँ रहेगा किसी ने न समझा होगा और दस साल बाद की हमारी यथार्थता... Hindi · कहानी · निबंध · बाल कहानी · लेख · संस्मरण 83 Share Pankaj Bindas 9 Mar 2024 · 1 min read गीत चाहत तू ही तो है चाहत, तू ही तो है राहत, पंछी मैं तू, भोर की पहली किरन, तुझे न देखूं तो, दिल में उदासी, जो देखूं तुझे, दिल में... Hindi · कविता · गीत 1 115 Share Pankaj Bindas 9 Mar 2024 · 1 min read माथे की बिंदिया मैं वासना का कामजनित रूप हूँ प्रेमियों को रिझाने की अतृप्त चाह हूँ मैं लाली हूँ, होंठो की लाली. पर जब देखती हूँ मैं- आत्मिक-प्रेम के क्षणों मे तुम ही... Hindi · कविता · कोटेशन 1 160 Share Pankaj Bindas 9 Mar 2024 · 1 min read पत्थर (कविता) वो बड़ा पत्थर भारी पत्थर जिसे बड़ी मुश्किल से उठाकर रखा जाता है घास पर तो घास उजड़ जाती है घास की जड़े मर जाती हैं, रखा जाता है मिट्टी... Hindi · कविता 1 136 Share