Pallavi Goel Language: Hindi 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Pallavi Goel 15 Nov 2018 · 1 min read माँ,बस एक लकीर हूँ मैं आपके आॅचल से उठती एक अदृश्य सी सुगंध की मुरीद हूँ मैं। सौम्य से चेहरे पर उठती हल्की सी मुस्कान पर मुस्काती ख़ुशनसीब हूँ मैं । आँखों में बंद ,अश्कों... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 46 630 Share