ओसमणी साहू 'ओश' Tag: हिंदी कविताएं 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "दुनियादारी" न चुप्पी ही सही जाती हैं, न बातें ही कही जाती हैं; दिल से गर जुड़ जाए कोई जुबां से अनबन हो जाती है। कभी कहलाती मुफट, कभी पत्थर दिल... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 3 62 Share ओसमणी साहू 'ओश' 21 Feb 2024 · 1 min read "सोच खा जाती हैं" निश्चिंतता का कवच चीर, ये समझ, कहां से आ जाती है, मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं ; मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं। हो किसी से जब... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 3 154 Share ओसमणी साहू 'ओश' 15 Feb 2024 · 1 min read "बहुत देखे हैं" भीतर से कसाई बाहर से हलवाई बहुत देखे हैं। सामने वाहवाही पीछे करते बुराई बहुत देखे हैं। शीशा तो दिखाता है सच मगर सदा उल्टा, साफ शीशों की ये करिश्माई... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 1 124 Share ओसमणी साहू 'ओश' 14 Feb 2024 · 1 min read "दास्तां ज़िंदगी की" एक घाव है जो भरता नहीं, एक उम्मीद है जो मरती नहीं। एक ज़ुबां है जो कहता नहीं, एक ज़हन है जो सुनती नहीं। एक दोस्त है जो बनता नहीं,... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 2 90 Share ओसमणी साहू 'ओश' 13 Feb 2024 · 1 min read "जिद्द- ओ- ज़हद" मैं वो पाने की ज़िद्दोज़हद में थी, जो मेरे हद से परे था। हक जताती थी जिस पर अपना, दरअसल वो मेरे हक से परे था। न जाने किसके बस... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · कविता · हिंदी कविताएं 2 100 Share ओसमणी साहू 'ओश' 13 Feb 2024 · 1 min read "गोहार: आखिरी उम्मीद की" अड़ोसी-पड़ोसी, रिश्तेदार और कुछ अनजाने भी, रहन-सहन, पहनावे पे, देते सलाह और ताने भी। बिना पगार लिए लोग अपनी ये नौकरी ख़ूब बजाते हैं। मजबूत के पीछे चुगली करते, कमज़ोर... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 1 108 Share ओसमणी साहू 'ओश' 13 Feb 2024 · 1 min read "मेरा साथी" सारी दुनियां भूल जाऊं, ऐसी दुनियां सजा सके। आए कोई ऐसा, जो मेरे सिर आंखों छा सके। मेरे ख्यालों से मिलते नहीं, फरिश्ते, राजकुमार कोई। मैं चाहूं एक आम सा... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 1 140 Share