NIYAZ AHMAD (नियाज़ कपिलवस्तुवी) Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid NIYAZ AHMAD (नियाज़ कपिलवस्तुवी) 1 May 2018 · 1 min read मज़दूर एक दो क्या सौ ग़मों से चूर हूं ज़िन्दगी के हर मज़े से दूर हूं। रोज़ी-रोटी के लिए बाज़ार में रोज़ बिकने के लिए मजबूर हूं। नाम कमला हो,कमल हो... Hindi · मुक्तक 258 Share