Nitin Dhama Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Nitin Dhama 1 Sep 2019 · 1 min read मेरे दिल में वो बसी थी एक ग़लती बस यही थी। मेरे दिल में वो बसी थी एक ग़लती बस यही थी। तब कैसे उससे प्यार हुआ और हैसियत में वो बड़ी थी। मैने उसको इज़हार किया जब सामने वो खड़ी... Hindi · कविता 1 1 232 Share Nitin Dhama 1 Sep 2019 · 1 min read इंसान को इंसान बनाने की ज़िद है मेरी इंसान को इंसान बनाने की ज़िद है मेरी अपनी ही रूह को सताने की ज़िद है मेरी चलते - चलते मर ही क्यूँ ना जाऊँ अब मैं अपनी ज़िंदगी दूजे... Hindi · कविता 396 Share Nitin Dhama 1 Sep 2019 · 1 min read हां मैं ही बलात्कारी हूं और मैं ही चमत्कारी हूं। हां मैं ही बलात्कारी हूं। और मैं ही चमत्कारी हूं। मैं सबसे बड़ा नास्तिक और मैं ही पुजारी हूं। मैं मन्दिर और मस्ज़िद में दोनों का ही प्रभारी हूं। इज़्ज़त... Hindi · कविता 240 Share Nitin Dhama 20 Aug 2019 · 1 min read क्या ये दुनिया शराब सी शराबी है। क्या ये दुनिया शराब सी शराबी है। या मुझमें ही कोई खराबी है। शायद इश्क़ ही ना हुआ मुझसे या मेरी महबूब तू किताबी है। सुना था तेरी जैसी हसरत... Hindi · कविता 2 387 Share